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कोरोना से बचाव को पूनम की निगरानी में रहा शहर

कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों से दूरी बनाने की नसीहत दी जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 08:54 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 08:54 PM (IST)
कोरोना से बचाव को पूनम की निगरानी में रहा शहर
कोरोना से बचाव को पूनम की निगरानी में रहा शहर

बागपत, जेएनएन। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों से दूरी बनाने की नसीहत दी जा रही थी। ऐसे मुश्किल वक्त में आशा कार्यकर्ता पूनम ने निडरता से कोरोना से लड़ाई लड़ी। लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जागरूक करने की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही नगर में मिलने वाले संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भी मदद की। हालांकि पूनम की जिम्मेदारी एक मोहल्ले की निगरानी करने की थी, लेकिन उन्होंने कोरोना से बचाने के लिए पूरे शहर को निगरानी में रखा।

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आशा कार्यकर्ता पूनम कश्यप बागपत शहर के कश्यप मोहल्ले की रहने वाली हैं। उन्हें शहर के वार्ड चार गायत्रीपुरम मोहल्ले में नियुक्त है। उन्होंने कोरोना काल में बिना किसी डर के लोगों की सेवा की है। शहर में एक के बाद एक कोरोना के केस मिल रहे थे। एक मोहल्ला तो ऐसा था, जहां 19 के करीब संक्रमित मिले थे, वैसे शहर में संख्या 50 से पार थी। जिस भी मोहल्ले में केस मिले पूनम वहीं पर जिम्मेदारी से कार्य करती थी। जब तक सभी लोगों के नमूने नहीं हो जाते, तब तक वह स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ कदम से कदम मिला काम करती थी। सुबह ही काम पर निकल जाया करती थी। काम इतना था कि पानी भी उन्हें नसीब होता था, खाना तो दूर की बात है। बच्चों ने बना ली थी दूरी, पड़ोस में हो गया था डर

पूनम बताती हैं कि पांच माह तक वह अपने बच्चों से दूर रही हैं। उनसे बच्चे भी डरने लगे थे, कहीं कोरोना न हो जाए। घर में जाते ही उनके कपड़े अलग से तैयार मिलते थे और उसके बाद खाना खाया जाता था। स्वजन और आस-पड़ोस के लोगों में भी कोरोना का डर पैदा हो गया था। भगवान का शुक्र रहा है कि उनके मोहल्ले में किसी को कोरोना के संक्रमण ने नहीं जकड़ा।

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कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं ने मेहनत से काम किया है। पूनम कश्यप ने मेहनत और लगन से अपनी ड्यूटी का निर्वहन किया है। अब भी वह वैक्सीनेशन के कार्य में मुस्तैदी से कार्य कर रही है। उनके सहयोग को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

डा. विभाष राजपूत, बागपत सीएचसी अधीक्षक


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