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सांसों को कमजोर कर रहा है कोरोना, लेकिन लापरवाही कम नहीं

कोरोना का वायरस लोगों की सांसों को कमजोर करता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 11:18 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 11:18 PM (IST)
सांसों को कमजोर कर रहा है कोरोना, लेकिन लापरवाही कम नहीं
सांसों को कमजोर कर रहा है कोरोना, लेकिन लापरवाही कम नहीं

बागपत, जेएनएन। कोरोना का वायरस लोगों की सांसों को कमजोर करता जा रहा है। हर रोज सैकड़ों लोगों को संक्रमण जकड़ रहा है, लेकिन लोगों की लापरवाही भी कम होने का नाम नहीं ले रहे है। दिनों दिन लोग बेपरवाह होते जा रहे है। संक्रमण को बढ़ावा देकर खुद के परिवार को भी खतरे में डाल रहे है। सामान खरीदने के चक्कर में सब कुछ भूल जाते है।

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महामारी के बीच हर जगह लापरवाही का मंजर है। चेहरे पर मास्क अभी भी लोग लगा नहीं रहे है। हाथ मिलने और गले मिलकर शुभकामनाएं दे रहे हे। बाजारों में हालत बद से बदतर होते जा रहे है। लाकडाउन लगने की वजह से लोग सुबह से ही बाजारों में सामान खरीदेन के लिए पहुंच रहे।। सामान खरीदार और दुकानदार दोनों ही लापरवाही बरतने में सबसे आगे रहे। ग्राहकों से लेने वाले धनराशि को सैनिटाइज किए बिना अपने पास रहे है। यहां तक की रुपयों की गिनती करते समय बार-बार अंगुलियों को मुंह में देते देखे गए। ग्राहक भी दुकानों पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे है। बाजार का हाल देख कोई यह नहीं कह सकता है कि यहां कोरोना का वायरस फैला हुआ। भीड़ इस कदर पहुंच रही है कि इससे हालत और भी बेकाबू हो जाएंगे। पुलिस और प्रशासन भी इस लापरवाही को रोक नहीं लगा पा रहा है। लाकडाउन से एक दिन पहले दिन तो लोग बेपरवाह ही होते जाते है। सामान खरीदने के चक्कर में सब कुछ भूल जाते है कि कोरोना फैल रहा है। सीएमओ डा. आरके टंडन ने कहा कि जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक संक्रमण पर काबू नहीं पाया जा सकता है। इस कार्य में हर व्यक्ति को हमारा साथ देना होगा। लापरवाही जरा भी न बरते। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए खुद की सुरक्षा करें। बसें भी है कोरोना का चलता-फिरता बम

कोरोना का प्रकोप तेजी के साथ फैल रहा है, लेकिन यातायात व्यवस्था इस वायरस को और बढ़ावा दे रही है। बसों में कोरोना से बचाव के लिए कोई भी प्रबंध नहीं है। हाथों को सैनिटाइज नहीं कराया जाता है और तो और लोगों के बीच में दो गज की दूरी नहीं बनाई जाती है। सवारियों को भरकर गंतव्य तक पहुंचा रहे र्है। रोडवेज बस हो या प्राइवेट सभी जगह हालत खराब है। यहां कोई जांच नहीं होती है।


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