पारा हुआ धड़ाम, छाया घना कोहरा
कड़ाके की ठंड में कोहरे ने और सितम ढा दिया है। कोहरा इतना पड़ा कि दिन में परेशानी उठानी पड़ी।
बागपत, जेएनएन। कड़ाके की ठंड में कोहरे ने और सितम ढा दिया है। कोहरा इतना पड़ा कि दिन में रात जैसा अंधेरा छा जाने से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। ²श्यता शून्य रहने पर वाहन रेंगते दिखे। बाकी कसर पारा धड़ाम होने से पूरी हो गई है। गलन इतनी रही कि जलते हीटर के सामने लोग कांपते दिखे।
न्यूनतम तापमान 2.8 न्यूनतम और अधिकतम 16.4 डिग्री सेल्सियस रहा। गत दिवस न्यूनतम चार और अधिकतम 23.1 डिग्री था। यानी कड़ाके की ठंड ने बागपत के अधिकतर लोगों को घरों मे कैद रहने को मजबूर कर दिया। सरकारी दफ्तरों और बाजारों में आमजन की आवाजाही नहीं के बराबर रही।
दोपहर एक बजे सूरज निकला, लेकिन तेवर नरम रहे। हालांकि इस धूप से लोगों को कुछ राहत मिली है। पर, शाम चार बजे के बाद फिर धूप गायब हो गई। दिन छिपने से पहले ही लोगों ने घरों की राह पकड़ ली। इंसान ही नहीं पशु पक्षी भी ठंड से कांपते रहे।
सर्वाधिक बुरा हाल गो आश्रय स्थलों में बेसहारा गोवंश का रहा। वहीं कोहरे और ठंड की मार किसानों पर भी पड़ी है। गन्ना कटाई का काम प्रभावित रहा है। गन्ना ढुलाई भी प्रभावित रहने से चीनी मिलों के सामने गन्ना संकट खड़ा हो सकता है। वायु की गुणवत्ता भी खराब रही, जिससे लोगों की सेहत खराब हो सकती है। लाइटों के सहारे मार्गों पर रेंगकर चले वाहन
बुधवार की देर रात से कोहरा पड़ने से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर वाहन लाइटों के सहारे रेंगकर चले। कई जगह पर चालक ट्रकों को कोहरे के कारण रोककर खड़े रहे। कोहरा व शीतलहर के कारण सबसे ज्यादा परेशानी बाइक सवारों को उठानी पड़ी। राजेंद्र, संजय, मनोज आदि का कहना था कि सुबह ठंडी हवा से ऐसा अहसास हो रहा था कि बर्फीली वादियों में घूम रहे हों।