आम आदमी की निगाहें पर बजट पर टिकी
आने वाले बजट पर जहां विभिन्न वर्गों के लोगों की निगाह और उम्मीद लगी हुई है वहीं बजट पर आम आदमी की निगाहें भी लगी हुई हैं। आम आदमी चाहता है कि बजट में जिसमें गरीब कर्मचारी व मेहतनकश लोगों को लाभ मिल सके। चूंकि मध्यम और निर्धन लोगों को भी बजट में कुछ न कुछ मिलना चाहिए। शहर के मनोज जैन का कहना है कि शिक्षा में बजट बढ़ाया जाना चाहिए ताकि हर वर्ग के लोगों को मुफ्त शिक्षा मिल सके जिससे शिक्षा का दायरा बढ़ सके। बजट महंगाई पर काबू पाने वाला हो जिससे आम आदमी को मंहगाई से राहत मिल सके।
बागपत, जेएनएन। आने वाले बजट पर जहां विभिन्न वर्गों के लोगों की निगाह और उम्मीद लगी हुई है वहीं बजट पर आम आदमी की निगाहें भी लगी हुई हैं। आम आदमी चाहता है कि बजट में जिसमें गरीब, कर्मचारी व मेहतनकश लोगों को लाभ मिल सके। चूंकि मध्यम और निर्धन लोगों को भी बजट में कुछ न कुछ मिलना चाहिए।
शहर के मनोज जैन का कहना है कि शिक्षा में बजट बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि हर वर्ग के लोगों को मुफ्त शिक्षा मिल सके, जिससे शिक्षा का दायरा बढ़ सके। बजट महंगाई पर काबू पाने वाला हो, जिससे आम आदमी को मंहगाई से राहत मिल सके। यह भी कहना है कि चिकित्सा के क्षेत्र में बजट बढ़ाया जाना चहिए, आम आदमी को राहत मिल सके। हर जिले में बड़ा आधुनिक हास्पिटल हो ताकि दुर्घटना के समय लोगों को बचाया जा सके।
दीपक गुप्ता का कहना है कि महंगाई की वजह से घरेलू बजट गड़बड़ा रहा है इसलिए बजट का कुछ प्रतिशत घर में प्रयोग होने वाले सामानों पर खर्च किया जाना चाहिए, जिससे बढ़ती मंहगाई से राहत मिल सके। बजट में इस प्रकार का प्रावधान होना चाहिए जिससे गरीब लोग भी सामान्य जीवन गुजार सके।
संत कुमार का कहना है कि आने वाला बजट रोजगार अवसर प्रदान करने वाला होना चाहिए। चूंकि लाखों की संख्या में पढ़े लिखे युवा बेरोजगार इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन नौकरी नहीं मिल रही है। स्वरोजगार को बढ़ावा देना चाहिए और इसकी प्रक्रिया और सरल होनी चाहिए।
प्रवीण जैन का कहना है कि बजट में हर वर्ग को ध्यान रखा जाना चाहिए। बजट में किसान, नौकरी पेशा, छात्र, महिलाएं, युवा आदि के अलावा आम लोगों के हित को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। आम लोगों की जीवन बसर की वस्तुओं पर महंगाई अंकुश भी होना चाहिए।