सीमा विवाद: गैर जमानती वारंट के 33 दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं
अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के 33 दिन बाद भी 50 नामजद आरोपितों में से एक को भी छपरौली पुलिस गिर्फतार नहीं कर पाई।
बागपत, जेएनएन। अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के 33 दिन बाद भी 50 नामजद आरोपितों में से एक को भी छपरौली पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
छपरौली थाना क्षेत्र के टांडा गांव के यमुना खादर में 30 नवंबर को याकूब, शाहीन, रिजवान, रियाज, सुलेमान, अब्बास, आस मोहम्मद, हासिम आदि किसान अपने खेतों में काम कर रहे थे। उसी दौरान पानीपत जनपद के खोजकीपुर गांव के लगभग 50 किसानों ने धारदार हथियारों से अपने खेतों में काम कर रहे टांडा गांव के किसानों पर हमला कर दिया था, जिसमें याकूब, शाहीन, रिजवान, रियाज समेत पांच किसान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पीड़ित किसान युनूस, याकूब, शाहीन, रिजवान आदि ने बताया कि 25 नामजद और इतने ही अज्ञात आरोपितों के खिलाफ छपरौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अदालत से आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। छपरौली थाने के एसओ हेमेंद्र बालियान ने बताया कि किसान आंदोलन में व्यस्त थे, लेकिन अब जल्द ही आरोपितों को पकड़ेंगे। पूर्व प्रधान पर लगाया भूमि को बेचने का आरोप
क्षेत्र के रोशनगढ़ निवासी महिला शकीला पत्नी नफीस ने बालैनी थाने पर तहरीर देते हुए बताया कि उसकी रोशनगढ़ पिलाना रोड पर कृषि भूमि है। वह भूमि उनकी दादालायी है। उक्त भूमि को गांव के पूर्व प्रधान व उसके भाई ने बेच दिया है। पूर्व में पूर्व प्रधान का भाई हिस्ट्रीशीटर रह चुका है। पीड़िता ने थाने में तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की है। युवक को बेरहमी से पीटा, हंगामा
नगर की माता कालोनी निवासी अजीम की पुराना कस्बे के युवक ने बुरी तरह से पिटाई की तथा एक निर्माणाधीन मकान में बंधक बनाकर रखा। इसको लेकर हंगामा हुआ। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की।