गरीबी उन्मूलन में शून्य पर सिमटा बागपत
जागरण संवाददाता, बागपत : सरकारी तंत्र सीएम और पीएम के गरीबी उन्मूलन के ड्रीम प्रोजेक्ट को ि
जागरण संवाददाता, बागपत : सरकारी तंत्र सीएम और पीएम के गरीबी उन्मूलन के ड्रीम प्रोजेक्ट को ठिकाने लगाने में कसर नहीं छोड़ रहा। इसका नमूना है मिशन अंत्योदय योजना। बागपत समेत छह जिलों की स्थिति शून्य है। सर्वे डाटा अपलोड हुआ न सत्यापित कराया। अब केंद्र सरकार के नाकामी की रिपोर्ट जारी करने पर बागपत से लखनऊ तक खलबली मची है। साफ है कि अफसरान की नाकामी से बागपत की 254 गांवों शानदार योजना जन्म लेते ही दम तोड़ने लगी है।
दरअसल सरकार ने गांवों को गरीबी मुक्त बनाने को मिशन अंत्योदय योजना शुरू की। गरीबों का पता लगाने को गांवों में सर्वे होना था, जिसमें गांव में कितने गरीब परिवार हैं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी गैस कनेक्शन, राशन कार्ड, कृषि यंत्र, रोजगार, मकान, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, बच्चों की शिक्षा, शौचालय, पेयजल और पोषाहार जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित परिवारों को चिन्हित कराकर आठ अक्टूबर तक भारत सरकार की साइट पर डाटा अपलोड कराकर सत्यापित कराना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डाटा अपलोड और सत्यापन का काम पूरा नहीं होने पर केंद्र सरकार के नाराजगी जताने पर शासन में खलबली मची है। बागपत के 254 गांवों में 78 गांवों का डाटा साइट पर अपलोड हुआ। इसमें भी किसी गांव का डाटा सत्यापित नहीं करने से बागपत की स्थिति शून्य है। बागपत के अलावा बस्ती, ग्राम्य विकास आयुक्त ने सीडीओ व डीडीओ को भेजी रिपोर्ट में कहा कि बागपत के अलावा गौतमबुद्धनगर, आगरा, बहराइच, भदोई, फैजाबाद और इटावा जिलों की स्थिति भी सिफर है। वहीं ग्राम्य विकास आयुक्त ने सीडीओ को भेजी रिपोर्ट के साथ तत्काल डाटा अपलोड कराकर सत्यापित कराने का आदेश दिया। डीडीओ हुब लाल ने बताया कि छह बीडीओ को लंबित डाटा अपलोड कराकर सत्यापन को लिखित में आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। डीडीओ ने कहा कि मिशन अंत्योदय योजना के तहत तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों को दिया जाएगा, ताकि गांव गरीबी मुक्त बन सके।