सूबे में गांवों के विकास की प्लानिग में बागपत अव्वल
विकास की प्लानिग करने में बागपत का कोई सानी नहीं। शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों की विकास योजना बनाकर विभाग की साइट पर अपलोड करने पर बागपत और बिजनौर समेत चार जिलों का सूबे में पहला स्थान आया है।
बागपत: विकास की प्लानिग करने में बागपत का कोई सानी नहीं। शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों की विकास योजना बनाकर विभाग की साइट पर अपलोड करने पर बागपत
और बिजनौर समेत चार जिलों का सूबे में पहला स्थान आया है। बागपत के टॉप पर पहुंचने से अफसरान और प्रधान गदगद हैं। डीपीआरओ आलोक शर्मा ने
कहा कि जो काम पिछले साल जुलाई तक पूरा हुआ था, वह हमने अब पूरा करके दिखा दिया। चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही गांवों में विकास कार्यों पर काम शुरू हो जाएगा।
नये वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए बागपत की सभी 245 ग्राम पंचायतों की विकास योजना तैयार कराकर पोर्टल पर अपलोड कराई जा चुकी है। बागपत के अलावा बिजनौर ने सभी 1128 ग्राम पंचायतों की विकास योजनाओं को पोर्टल पर अपलोड कराकर मिसाल कायम की है। इटावा और फरुखाबाद जिलों का
स्थान पहले नंबर पर है। इटावा की 471 ग्राम पंचायतों और फरुखाबाद की 600 ग्राम पंचायतों की विकास योजना फाइनल होकर पोर्टल पर अपलोड हो चुकी हैं।
प्रदेशभर में कुल 60 फीसदी ग्राम पंचायतों की विकास योजनाएं ही पोर्टल पर अपलोड हुई हैं। सबसे खराब स्थिति जिला गाजिपुर की। गाजिपुर में 1237 ग्राम पंचायतों में महज 217 ग्राम पंचायतों की विकास योजना पोर्टल पर अपलोड हुई है। विकास योजनाओं में ही ग्राम पंचायतें पूरे साल कराए जाने वाले कार्यों को शामिल करती है। बागपत की सभी ग्राम पंचायतों की विकास योजनाएं 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की बनी हैं। मई में 17वीं लोकसभा गठन बाद ग्राम पंचायतों में विकास का पहिया तेजी से घूमने लगेगा। बता दें कि अभी आचार संहिता लागू होने के कारण गांवों में विकास की प्रक्रिया थमी हुई है।