कन्याओं को भोजन कराने के बाद श्रद्धालुओं ने खोला व्रत
नवरात्र में श्रद्धालुओं में अष्टमी को लेकर संशय रहा। विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार को सप्तमी और अष्टमी का व्रत रखा। कुछ श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन भी कराया।
बागपत, जेएनएन: नवरात्र में श्रद्धालुओं में अष्टमी को लेकर संशय रहा। विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार को ही सप्तमी और अष्टमी एक मानते हुए नवरात्र के व्रत खोले। घरों में कन्याओं को भोजन कराया।
नवरात्र में इस बार श्रद्धालुओं में सप्तमी से ही व्रत खोलने को लेकर संशय उत्पन्न हो रहा है। कोई सप्तमी और अष्टमी को एक मान रहा है तो कोई नवमी और दशमी को। इसी संशय के चलते जिले में शुक्रवार को ही विभिन्न गांव और शहरों में कन्याओं को भोजन कराकर अपने व्रत खोले। विधि विधान से मां भगवती की आराधना की गई। माता को भोग लगाया और उसके बाद श्रद्धालुओं ने घरों में कन्याओं को भोजन कराया। कन्याओ को भोज के बाद अपने व्रत खोले। मां भगवती के स्वरूप मां कालरात्रि व मां महागौरी की पूजा अर्चना की गई। मंदिरों में भी देवी मां की पूजा की गई। बाबा जानकीदास मंदिर में कीर्तन का आयोजन किया गया। महिलाओं ने माता के भजन गाकर आराधना की।
ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि अष्टमी का महापर्व शनिवार को उदय तिथि में मनाया जाएगा। इसके अलावा नवमी तिथि रविवार को मनाई जाएगी। सुबह 11.13 के बाद दशहरा पूजन किया जाएगा। इन सब बातों का ध्यान करके ही पर्व मनाए। क्योंकि इन सबमें उदय तिथि का ही महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि दशहरा पर्व दोपहर दशमी तिथि होने पर मनाया जाता है। वैसे दशमी तिथि 26 अक्टूबर को है, लेकिन सुबह थोड़ी देर रहेगी। 25 अक्टूबर को दोपहर काल में दशमी होने के कारण दशहरा पर्व 25 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।