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बदरखा में चीरा जा रहा यमुना का सीना

छपरौली (बागपत) : बदरखा यमुना खादर में पोर्कलेन मशीनों से यमुना का सीना चीरा जा रहा है। इसके अलावा खन

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jun 2018 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jun 2018 11:13 PM (IST)
बदरखा में चीरा जा रहा यमुना का सीना
बदरखा में चीरा जा रहा यमुना का सीना

छपरौली (बागपत) : बदरखा यमुना खादर में पोर्कलेन मशीनों से यमुना का सीना चीरा जा रहा है। इसके अलावा खनन स्थल से बालू लेकर चलने वाले ओवरलोड वाहनों के खिलाफ ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। ओवरलोड वाहनों को रोककर नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि जल्द ही अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो झगड़ा भी हो सकता है।

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ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने बालू खनन का पट्टा इसलिए स्वीकृत किया था ताकि नियम के अनुसार खनन किया जा सके, लेकिन ठेकेदार आधा दर्जन से ज्यादा पोकलेन मशीनों से यमुना नदी से बालू का खनन करा रहे हैं, जिससे पर्यावरण पर असर पड़ रहा है। वहीं खनन स्थल से दिन रात चलने वाले ओवरलोड वाहनों ने सड़कों को तोड़कर रख दिया है। शिकायत करने के बावजूद अधिकारी ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। इसी के विरोध में बदरखा गांव के जयवीर प्रधान व भरत ¨सह के नेतृत्व में लोग सड़क पर उतर आए और गांव में घुसने से पहले ही ओवरलोड ट्रकों को रोककर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने ओवरलोड वाहनों को रोककर छपरौली पुलिस, परिवहन विभाग और खनन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। बलवान ¨सह, उदयवीर ¨सह, नरेंद्र व जहीर खान आदि ग्रामीणों का कहना था कि बालू से लदे ओवरलोड वाहनों को नहीं चलने दिया जाएगा, क्योंकि इन वाहनों ने क्षेत्र की सड़कों को तोड़ दिया है और हादसे का भय भी बना रहता है। कुख्यातों का नाम लेकर डराते हैं ग्रामीणों को

उधर, राजकुमार फौजी, सचिन, मांगा व चांदवीर आदि ने ग्रामीणों ने बताया कि यमुना नदी के घाट पर लगभग 10 पोर्कलेन मशीनों से अवैध खनन किया जा रहा है। विरोध करने पर ठेकेदार के गुर्गे उन्हें हथियार दिखाकर और जेल में बंद कुख्यातों का नाम लेकर धमकाते हैं। इस मामले में कई बार प्रशासन के अधिकारियों से बात की, मगर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन हो रहा है और ओवरलो¨डग कराई जा रही है। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो आमरण अनशन के लिए मजबूर होंगे। उधर काकोर गांव के लोगों ने भी ओवरलोड वाहनों का विरोध शुरू कर दिया है।


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