और खतरनाक हुई बागपत की हवा
वायु गुणवत्ता फिर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई है।
बागपत, जेएनएन। वायु गुणवत्ता फिर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में 66 अंकों के उछाल से अब
बागपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 पर पहुंच गया है। इससे लोगों का फिर दम घुटने लगा है। सबसे ज्यादा दिक्कत श्वास संबंधी मरीजों को रही है। लोगों को आंखों में जलन की शिकायत करते सुने गए हैं।
सीएचसी अधीक्षक डा. विभाष राजपूत ने कहा कि ठंड और कोरोना काल में एकयूआइ में बढ़ोत्तरी आम जन की सेहत के लिए अच्छी नहीं है। हार्ट के मरीज इसे कतई हल्के में नहीं ले। सुबह आठ बजे के बाद ही घर से घूमने को निकलें। ध्रूमपान करने से बचें और गर्म कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें। धूल वाली जगह से दूर रहें। प्रदूषण फैलाने पर तीन कोल्हू और दो फैक्ट्री होंगी बंद
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता प्रखर कटियार ने बताया कि उच्चाधिकारियों ने बड़ौत क्षेत्र के गुड़ बनाने वाले तीन कोल्हू और खेकड़ा की दो फैक्ट्रियों को बंद कराने का आदेश दिया है। दोनों फैक्ट्रियों में जींस पेंट के कपड़े की धुलाई होती है जिससे भूजल प्रदूषित होता है। उच्चाधिकारियों ने यह फैसला बागपत में बढ़ते प्रदूषण के कारण लिया है। कूड़े का ढेर बना आफत
दोघट कस्बे के बाहर निरपुड़ा मार्ग पर कूड़े का ढेर लगा होने के कारण आवागमन प्रभावित हो रहा है। इससे लोग परेशान हैं। इस मार्ग से निरपुड़ा, चित्तमखेड़ी, दाहा आदि गांवों के लिए लोग आवागमन रहता है। इसी रास्ते से किसान भी खेतों में आते जाते हैं। कस्बा वासियों के द्वारा मार्ग के किनारे ही कूड़ा डाल दिया जाता है, जो बड़े ढेर के रूप में होकर मार्ग पर फैल रहा है। मार्ग पर कूड़े का ढेर लगने से वाहन निकालने में दिक्कत हो रही है। राजेश, अनीस, महिपाल, सोनू आदि लोगों ने बताया कि कस्बे के लोग मार्ग पर ही कूड़ा फेंककर चले जाते हैं जिससे सभी को आवागमन में दिक्कत होती है।