हवालात में बंदी ले रहे एसी की ठंडक का मजा
थानों की हवालात की दुर्दशा जगजाहिर है। कई थानों की हवालातों में तो रोशनदान भी नहीं है। वहीं बागपत कोतवाली की बात ही निराली है। यहां की हवालात में बंदियों के लिए एसी की कूलिंग की व्यवस्था है।
बागपत, जेएनएन। थानों की हवालात की दुर्दशा जगजाहिर है। कई थानों की हवालातों में तो रोशनदान भी नहीं है। वहीं, बागपत कोतवाली की बात ही निराली है। यहां की हवालात में बंदियों के लिए एसी की कूलिंग की व्यवस्था है। कोतवाल साहब अपने आफिस में एसी में बैठते हैं, तो बंदियों तक ठंडक पहुंचती है।
कुछ समय पहले तक बागपत कोतवाली की हवालात ऐसी थी कि कई बंदी गच्चा देकर रफूचक्कर भी हो जाते थे। इन कारणों को देखते हुए ही तत्कालीन कोतवाली प्रभारी दिनेश कुमार ने हवालात का स्थान बदल दिया था। जीडी कार्यालय में ही हवालात बनाई गई ताकि बंदियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। दिनेश कुमार के नोएडा में स्थानांतरण के बाद इंस्पेक्टर शिव प्रकाश सिंह को कोतवाली की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने जीडी कार्यालय को हाईटेक बना दिया। प्रत्येक कर्मचारी कंप्यूटर पर कार्य करता है। कार्यालय में एसी लगाया गया। हवालात और जीडी कार्यालय एक ही होने के कारण एसी की ठंडक हवालात तक पहुंच रही है। उधर, कोतवाल के आफिस में भी एसी लगा हुआ है।
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कार्यालय के बाहर लिखा हवालात मिटवाया
कार्यालय के बाहर जीडी कार्यालय व हवालात लिखा हुआ था। समाधान दिवस के दौरान डीएम पवन कुमार व एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने कोतवाली का निरीक्षण किया। हवालात लिखने पर आपत्ति जताई। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने हवालात लिखा हुआ मिटवाया।
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बंदियों के लिए अलग से नहीं की एसी की व्यवस्था : कोतवाल
कोतवाली प्रभारी शिव प्रकाश सिंह का कहना है कि जीडी कार्यालय में कई लैपटॉप चलते हैं। उनकी सेफ्टी के लिए एसी लगाया गया है। बंदियों के लिए अलग से कोई एसी नहीं लगाया है।
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