धान खरीद में सहूलियत के बजाय अन्नदाता से दगाबाजी
प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी जिले में धान खरीद की स्थिति नहीं सुधर रही है। केंद्र पर किसानों को सहूलियत देने की बजाय परेशान किया जा रहा है। अधिकांश क्रय केंद्रों पर बिचौलिया की साठगांठ के कारण केंद्र प्रभारी मनमर्जी से ही धान खरीद कर रहे हैं। अन्नदाता की इस दयनीय हालत पर जिम्मेदार चुप्पी साधे है।
जेएनएन, बदायूं : प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी जिले में धान खरीद की स्थिति नहीं सुधर रही है। केंद्र पर किसानों को सहूलियत देने की बजाय परेशान किया जा रहा है। अधिकांश क्रय केंद्रों पर बिचौलिया की साठगांठ के कारण केंद्र प्रभारी मनमर्जी से ही धान खरीद कर रहे हैं। अन्नदाता की इस दयनीय हालत पर जिम्मेदार चुप्पी साधे है। ऐसे में निर्धारित लक्ष्य भी पूरा होता नहीं दिख रहा है।
शासन के निर्देश पर जिले में 31 धान खरीद क्रय केंद्र तो जरूर खुले हैं, लेकिन यहां किसानों के साथ दगाबाजी की जा रही है। अनपढ़ व भोले-भाले किसानों को कागजी कार्रवाई में उलझा कर परेशान किया जा रहा है। शासन ने धान खरीद का ढाई लाख क्विटल लक्ष्य रखा है बावजूद अब तक करीब 43 हजार क्विटल की खरीद हो सकी है। धान बेचने को किसान के लिए हल्का लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एसडीएम के कार्यालयों तक चप्पलें घिसनी पड़ रही। तब कहीं जाकर उसे पंजीकृत किसान घोषित किया जा रहा है। बाकी कसर क्रय केंद्रों पर पूरी हो रही है। एक-एक सप्ताह तक किसानों को क्रय केंद्रों पर तौल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। कभी वारदाना खत्म तो कभी धान में नमी की समस्या किसानों का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही है। इससे किसानों की समस्याएं बढ़ी हैं। लेकिन, जिम्मेदार चुप हैं।
इंसेट
मंडी के क्रय केंद्रों पर किसान बेहाल
शहर की मंडी समिति में एफसीआइ और आरएफसी के दो क्रय केंद्र संचालित है। तौल में देरी होने से एक केंद्र पर एक दिन में महज दो से तीन ही किसानों के धान की तौल की जा रही है। इसके लिए टोकन की भी व्यवस्था है। फिर भी किसानों को धान बेचने को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
वर्जन
तौल में परेशानी पर किसान उनसे संपर्क कर संबंधित की शिकायत करें। आरोपित के खिलाफ कार्रवाई कर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
प्रकाश नारायण, डिप्टी आरएमओ