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शहर में अब चलेगा लालबत्ती का कानून

ाहर की ट्रैफिक व्यवस्था आने वाले दिनों में बत्ती के इशारे पर चलेगी। इसके लिए पुलिस ने चौराहों का चिन्हीकरण शुरू कर दिया है। ताकि आने वाले दिनों में यहां ट्रैफिक लाइटें लगाने के साथ ही उनका पालन कराते हुए हादसों और जाम से निजात मिल सके। चिन्हीकरण पूरा होने के साथ ही लाइटें लगवा दी जाएंगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 12:46 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 12:46 AM (IST)
शहर में अब चलेगा लालबत्ती का कानून
शहर में अब चलेगा लालबत्ती का कानून

जागरण संवाददाता, बदायूं : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था आने वाले दिनों में बत्ती के इशारे पर चलेगी। इसके लिए पुलिस ने चौराहों का चिन्हीकरण शुरू कर दिया है। ताकि आने वाले दिनों में यहां ट्रैफिक लाइटें लगाने के साथ ही उनका पालन कराते हुए हादसों और जाम से निजात मिल सके। चिन्हीकरण पूरा होने के साथ ही लाइटें लगवा दी जाएंगी। शुरूआत में इसका पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात रहेगा, ताकि लोग नियम न तोड़ सकें।

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शहर में जाम की समस्या आम हो गई है। कुछ चौराहों पर पुलिस तैनात भी रहती है लेकिन कभी स्कूल बसें तो कभी नौसिखिये वाहन चालक जाम की स्थिति पैदा कर देते हैं। एक बार जाम लगने का मतलब यह रहता है कि उसमें फंसा हर शख्स कम से कम आधा घंटा देरी से अपनी मंजिल तक पहुंचता है। वहीं अक्सर शहर के बीच हादसे भी होते रहते हैं, जो कानून व्यवस्था को भी खतरा बने रहते हैं। इन समस्याओं का निस्तारण करने के लिए पिछले दिनों पुलिस प्रशासन ने प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगवाने का फैसला लिया है। इंसेट

ऐसे चौराहे हो रहे चिह्नित

- ट्रैफिक लाइटें केवल उन्हीं चौराहों पर लगाई जाएंगी, जहां डिवाइडर लगे हों। अन्यथा की स्थिति में एक ओर के वाहन रुके होंगे और दूसरी तरफ से आने वाले वाहन उनके सामने आकर खड़े हो जाएंगे। नतीजतन भीषण जाम लगेगा। इसलिए डिवाइडर वाले चौराहों को चिह्नित कर यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिन चौड़ी सड़कों वाले चौराहों पर डिवाइडर नहीं हैं, वहां नए बनवाए जाएंगे और पुलिसकर्मियों के लिए आइलैंड भी बनेगा। इंसेट कबाड़ बनकर रह गईं 90 लाख की लाइटें

- साल 2009-10 में पुलिस व पालिका ने नवादा तिराहा, पुलिस लाइन चौराहा और लालपुल पर ट्रैफिक लाइटें लगवाई थीं। इनकी कीमत तकरीबन 90 लाख रुपये रही थी। कुछ दिन नियमों का पालन हुआ लेकिन वक्त के साथ ही लोग पुन: बेतरतीब वाहन चलाने लगे और लाइटें भी कबाड़ बन गईं। वर्जन

ट्रैफिक लाइटें लगाने के लिए फिलहाल चौराहे चिन्हित किए जा रहे हैं। उन चौराहों पर डिवाइडर समेत अन्य व्यवस्थाएं भी की जाना है। तभी लोग नियमों का पालन करेंगे। यह सही है कि इससे जाम और हादसों से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।

जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी सिटी

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