तब्लीगी कर रहे रोजे का बहाना
कोरोना संक्रमण फैलाने के मामले में तब्लीगी जमात के लोगों को देशभर में संदेह के नजरिये से देखा जा रहा है। महाराष्ट्र के छह तब्लीगी आइसोलेशन वार्ड में रोजे रखने के नाम पर सुबह और दोपहर का भोजन नहीं कर रहे हैं। शाम को जल्दी भोजन की मांग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बदायूं : कोरोना संक्रमण फैलाने के मामले में तब्लीगी जमात के लोगों को देशभर में संदेह के नजरिये से देखा जा रहा है। महाराष्ट्र के छह तब्लीगी आइसोलेशन वार्ड में रोजे रखने के नाम पर सुबह और दोपहर का भोजन नहीं कर रहे हैं। शाम को जल्दी भोजन की मांग कर रहे हैं। चिकित्सकों के सवाल कि इस समय रोजा रखने का क्या मतलब, जवाब में यह तर्क दे हैं कि कोरोना संक्रमण से मुल्क के लोगों की हिफाजत स्वस्थ और सुरक्षित रखने की दुआ कर रहे हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हजारों की संख्या में तब्लीगी मिलने और अधिकांश के संक्रमित होने पर यहां भी तब्लीगी जमात के लोगों की खोजबीन कराई गई तो महाराष्ट्र के छह लोग सहसवान की मस्जिद में मिले। पहले तो उन्हें सहसवान में ही आइसोलेट किया गया, लेकिन तीन दिन पहले उन्हें जिला अस्पताल लाकर सैंपल भेजने के साथ आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। अस्पताल में आते ही संदेश भेज दिया शाम को जल्दी खाना चाहिए उन्हें रोजा खोलना है। यह बात सुनते ही चिकित्सक एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। कोरोना वार्ड के नोडल डॉ.राजेश कुमार वर्मा ने जाकर जब उनसे पूछताछ की तो तर्क दिया कि कोरोना के संक्रमण से मुल्क के लोगों को बचाने के लिए दुआ कर रहे हैं। डॉ.वर्मा के अनुसार इनकी दिनचर्या रोजेदारों की तरह है, शाम को खाना बचाकर रखते हैं। भोर में ही भोर में खाते हैं, दिन में कुछ नहीं खाते, शाम को ही खाना खा रहे हैं। वर्जन ::
आइसोलेशन वार्ड में रखे गए तब्लीगी जमात के लोग शाम को जल्दी भोजन की मांग कर रहे हैं। रोजा रखने की बात सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ। इस समय तब्लीगी जमात के लोगों की वजह से देशभर में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। यह लोग दिन में भोजन नहीं कर रहे हैं। इन्हें पैक्ड थाली का भोजन शाम को जल्दी मुहैया कराया जा रहा है। सैंपल भेजा गया है, जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
- डॉ.राजेश कुमार वर्मा, फिजिशियन जिला अस्पताल