जुकाम-खांसी के मौसम मे दवाओं की किल्लत
जुकाम और खांसी का मौसम आ चुका है। जिला अस्पताल समेत सीएचसी पर भी इस मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीज पहुंचने लगे हैं लेकिन जिले में इन दवाओं की काफी किल्लत है। यूपीएमएससी की ओर से इस बीमारी से जूझने की दवाएं नहीं पहुंच सकी हैं। डिमांड भेजने के बाद स्थानीय अधिकारी भी सप्लाई पहुंचने की राह देख रहे हैं। जबकि अस्पतालों से मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, बदायूं : जुकाम और खांसी का मौसम आ चुका है। जिला अस्पताल समेत सीएचसी पर भी इस मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीज पहुंचने लगे हैं लेकिन जिले में इन दवाओं की काफी किल्लत है। यूपीएमएससी की ओर से इस बीमारी से जूझने की दवाएं नहीं पहुंच सकी हैं। डिमांड भेजने के बाद स्थानीय अधिकारी भी सप्लाई पहुंचने की राह देख रहे हैं। जबकि अस्पतालों से मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
सर्दी का मौसम अब अंतिम पड़ाव पर आ चुका है। सुबह शाम ठंड और दिन में धूप के कारण मौसम गर्म रहता है। चढ़ते-उतरते मौसम में जरा सी लापरवाही के चलते लोगों की खांसी, जकड़न व जुकाम ने घेरना शुरू कर दिया है। जिला अस्पताल की ओपीडी में भी इन दिनों इन्हीं बीमारियों के सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं। यह आंकड़ा रोजाना तकरीबन तीन सौ के पार जा रहा है। वहीं सिट्राजिन, लिबोसिट्राजिन व सीपीएम समेत अन्य जरूरी दवाएं जिले में मरीजों को मुहैया नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में या तो मरीज बाहर से दवाएं ले रहे हैं या फिर निजी डॉक्टरों के यहां इलाज को पहुंच रहे हैं। इंसेट
गैर जरूरी दवाएं पहुंच रहीं
- जिले के ड्रग वेयर हाउस में तकरीबन सवा सौ तरीके की दवाएं पहुंची हैं लेकिन इनमें अधिकांश वो दवाएं हैं, जिन बीमारियों के डॉक्टर तक यहां नहीं हैं। जैसे न्यूरो, हृदयरोग आदि की दवाएं यहां पहुंच रही हैं लेकिन जुकाम, खांसी आदि मौसमी बीमारियां लाइलाज होती जा रही हैं। वर्जन ::
दवाओं की डिमांड यूपीएमएससी को भेजी जा चुकी है। स्थानीय स्तर से इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। जैसे-जैसे दवाएं मिलती जाएंगी। मरीजों को वितरित किया जाएगा।
- डॉ. यशपाल सिंह, सीएमओ
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