दूसरों के खातों में पहुंची तीन हजार किसानों की सम्मान निधि
किसानों को आर्थिक मदद के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू हुई। लेकिन योजना में चयनित तीन हजार किसानों के खातों में भेजी धनराशि उनके खातों की जगह अन्य लोगों के खाते में पहुंच गई है।
जेएनएन, बदायूं : किसानों को आर्थिक मदद के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू हुई। लेकिन, योजना में चयनित तीन हजार किसानों के खातों में भेजी धनराशि उनके खातों की जगह अन्य लोगों के खाते में पहुंच गई है। यह जानकारी होने पर कृषि विभाग के अफसर इसकी छानबीन में जुटे हैं। फीडिग में हुई गड़बड़ी को इसका कारण माना जा रहा है। अपात्रों के खातों में पहुंची धनराशि वापस नहीं करने वालों के खिलाफ एफआइआर कराने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में पात्रों को लाभान्वित कराने को तेजी से काम हुआ। लेकिन, जल्दबाजी में फीडिग के समय गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। जल्दबाजी में किसानों के आधार नंबर की जगह दूसरे के आधार नंबर व बैंक खाते फीड कर दिए गए। किसानों के बैंक खाते और आधार कार्ड के नाम में अंतर दूसरी वजह रही है। इसके साथ ही जिन किसानों का आधार कार्ड बैंक खाते से लिक नहीं था। उनके साथ भी ऐसी समस्या सामने आ रही है। ऐसे हुई चूक, खामियाजा भुगत रहे किसान
तहसील से भी अपात्र लोगों के बैंक खाते को सम्मान निधि के आवेदन से जोड़ने में चूक सामने आ रही है। जनसेवा केंद्रों पर भी लापरवाही हुई। तहसील और जनसेवा केंद्र स्तर पर हुई कमी का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। उनकी सम्मान निधि उनके खातों की जगह अन्य के खातों में जा रही है।
किस्त दर किस्त घट रहा पात्र किसानों का ग्राफ
जिले में कृषि विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर 6,89,174 किसान पंजीकृत थे। शासन स्तर पर जांच कराई गई तो 5,02,822 ही किसान पात्र रह गए है। 1,86,352 को अपात्र घोषित किया गया। जारी किस्त किसानों की संख्या
पहली किस्त 4,39,777
दूसरी किस्त 4,16,413
तीसरी किस्त 3,83,328
चौथी किस्त 3,33,673
पांचवी किस्त, 2,69, 504
छठी किस्त 1,93,380 वर्जन ::
सम्मान निधि योजना में हुई गलती की जांच को एसडीएम स्तर से तहसीदार व लेखपाल की संयुक्त टीम गठित हुई है। वह गांव में जाकर पात्र किसानों का सत्यापन करेंगे। वहीं अपात्र लोगों के खातों में जो भुगतान हो गया है, उस धनराशि की रिकवरी की जाएगी। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
- डॉ, राममवीर कटारा, उप कृषि निदेशक
------------------------- किसान सम्मान निधि योजना में किसानों की बात केस-1
बैंक खाते संख्या में जीरो की जगह हो गया आठ
दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव छछऊ के रमेश पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने चार माह पहले सम्मान निधि योजना के लिए तहसील से ऑनलाइन आवेदन किया। जब योजना की धनराशि बैंक खाते में नहीं आई तो इसकी शिकायत कृषि उप निदेशक कार्यालय में की। वहां ऑनलाइन जमा किए दस्तावेजों के मिलान में पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक खाता संख्या में जीरो की जगह आठ फीड हो गया था। यह गलती आवेदन के रजिस्ट्रेशन के समय हुई है। इसलिए धनराशि किसी और के खाते में पहुंच गई। केस 2
गांव के ही सोहनपाल के खाते में पहुंच रही निधि
हजरतपुर थाना क्षेत्र के गांव चंगासी निवासी कुंवरपाल ने बताया, उन्होंने एक साल पहले सम्मान निधि योजना में आवेदन को सभी दस्तावेज हल्का लेखपाल को दिए थे। उनका गांव ग्योतिया में एसबीआइ के जनसेवा केंद्र पर बैंक खाता है। काफी समय तक जब सम्मान निधि की धनराशि बैंक खाते में आई तो वह भी बैंक में धनराशि चेक कराने गया। जहां पता चला कि उनका आधार कार्ड गांव के ही सोहनपाल का बैंक खाते से लिक है। जिस वजह से उनकी धनराशि सोहन लाल के खाते में पहुंच रही है। उन्होंने शिकायत कर फिर से सभी दस्तावेज कृषि उप निदेशक कार्यालय में जमा कराएं है।
केस 3
बैंक खाता संख्या में गड़बड़ी बनी वजह
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव लखनपुर निवासी प्रवेंद्र ने बताया, सम्मान निधि योजना का आवेदन गत वर्ष हल्का लेखपाल से कराया। बदायूं की केनरा बैंक में खाता है। पैसा नहीं आने पर बैंक में पता किया, तो पता चला कि उनका आधार कार्ड नंबर क्षेत्र के ही गांव गुड़लिया निवासी विपिन के बैंक खाते से लिक है। उनके बैंक खाता की आखिरी संख्या 2533 और विपिन 2633 है। इस गड़बड़ी से अब तक निधि की किस्त बैंक खाते में नहीं आई हैं।