प्रभु का नाम ही मुक्ति का मार्ग है : सोमदत्त शास्त्री
म्याऊं : कस्बे में स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में शनिचार को कथावाचक
म्याऊं : कस्बे में स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में शनिचार को कथावाचक सोमदत्त शास्त्री महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि भागवत कथा का श्रवण ही समस्त दुखों का निवारण तथा मोक्ष का साधन है। उन्होंने बताया कि कर्म ही मनुष्य को महान बनाता है। कर्म से ही मनुष्य की पहचान होती है जो जैसे कर्म करता है, उसको वैसा ही फल मिलता है। इसके लिए मनुष्य को अच्छे कर्म करने चाहिए, साथ ही बुरे कर्मों से बचना चाहिए। उन्होंने भगवान की लीलाओं का गुणगान करते हुए कहा कि भगवान का गुणगान करने से जीव को मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने श्रीकृष्ण द्वारा किए गए कंस वध कथा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान ब्रज लीलाएं करते हुए मथुरा गए जहां कंस राजा था। कंस ने कई बार भगवान को मरवाने की कोशिश की, लेकिन प्रभु को पहचान नहीं पाया। प्रभु का नाम ही मुक्ति का मार्ग है। इस मौके पर कथा में पं.हरीश मिश्रा, दीपक, सोनू, मोनू, श्रीनिवास, हरिशंकर मिश्रा आदि महिलाएं बच्चे मौजूद रहे।