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दो दिन पहले ही अदालत से बरी हुआ था कासिम

शहर में सात साल पहले भाई-बहन की गला रेतकर हत्या के मामले में अदालत ने दो दिन पहले ही कासिम को बेगुनाह ठहराया था। जबकि विरोधी गुट ने शुक्रवार रात उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना की एक वजह यह भी रही कि नईम का दायां हाथ कहे जाने वाले सालिम को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुना दी। रीनू के जेल में जाते ही विरोधियों को बल मिला और शुक्रवार रात उन्होंने अपने मंसूबों को अंजाम दे डाला।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 12:42 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:01 AM (IST)
दो दिन पहले ही अदालत से बरी हुआ था कासिम
दो दिन पहले ही अदालत से बरी हुआ था कासिम

जागरण संवाददाता, बदायूं : शहर में सात साल पहले भाई-बहन की गला रेतकर हत्या के मामले में अदालत ने दो दिन पहले ही कासिम को बेगुनाह ठहराया था। जबकि विरोधी गुट ने शुक्रवार रात उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना की एक वजह यह भी रही कि नईम का दायां हाथ कहे जाने वाले सालिम को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुना दी। रीनू के जेल में जाते ही विरोधियों को बल मिला और शुक्रवार रात उन्होंने अपने मंसूबों को अंजाम दे डाला।

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तीन नवंबर 2013 की रात को खंडसारी मुहल्ला निवासी रामगोपाल सक्सेना समेत उनकी वृद्ध बहन शांति देवी की गला रेतकर हत्या की गई थी। घटना के अगले दिन ही दिवाली का पर्व था। दोनों भाई-बहन किराना की दुकान चलाकर किसी तरह अपना पेट पालते थे। जमीन हड़पने के इरादे से इस हत्याकांड को मरहूम नईम ने जेल से अंजाम दिया था। नईम जेल से बीमारी का बहाना लेकर सफेदपोशों की आड़ में जिला अस्पताल में भर्ती हुआ और वहां से रात को फईम समेत अपने गिरोह के साथ रामगोपाल के घर पहुंचकर भाई-बहन को मौत के घाट उतार आया था। चूंकि नईम और गुड्डा गैंग के बीच पहले से ही तनातनी थी, ऐसे में वह घटनास्थल पर एक पर्स छोड़ आया था। यह पर्स गुड्डा गिरोह के एक सदस्य का था। पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि अदालत में नईम से खींचतान के दौरान उसने पर्स छीन लिया था। जिला अस्पताल का रिकार्ड खंगाला गया तो पता लगा कि दोहरे हत्याकांड के बाद नईम दोबारा जेल में शिफ्ट हो गया। इसी आधार पर पुलिस ने घटना का खुलासा किया था और नईम व फईम समेत कासिम व शेखूपुर निवासी पहलवान आदि को आरोपित बनाया था। हालांकि अदालत ने दो दिन पहले ही कासिम को दोषमुक्त किया था जबकि नईम गिरोह के ही सालिम व ईशाक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि कासिम आदि मुकदमे से बरी हो गए थे। इसके बाद से ही दूसरे गैंग को यह भरोसा हो गया कि अब कासिम को बचाने वाला कोई नहीं है और घटना को अंजाम दे डाला गया। ------------------- मलाल के साथ आक्रोशित हुए परिजन, प्रशासन अलर्ट

जागरण संवाददाता, बदायूं : कासिम हत्याकांड के बाद आधा शहर तनावपूर्ण माहौल के हवाले हो गया है। भले ही यह वारदात दो गैंगों के बीच की हो लेकिन किस गैंग का व्यक्ति क्या कदम उठा बैठे, यह किसी को नहीं पता। यही वजह है कि खंडसारी मुहल्ले से लेकर जिला अस्पताल तक का इलाका पुलिस समेत पीएसी के हवाले हो चुका है। अधिकारी जहां देर रात तक अस्पताल में जुटे रहे, वहीं पल-पल की टोह भी लेते रहे। ताकि किसी तरह की वारदात न होने पाए। नईम और उसके भाई फईम की हत्या के बाद परिवार में केवल कासिम ही शेष बचा था। जबकि शुक्रवार रात बाइक सवारों ने अंधाधुंध फायरिग कर कासिम को भी मौत के घाट उतार दिया। इसकी सूचना के साथ ही परिजन आक्रोशित हो गए। गम में डूबे परिजन रो-रोकर हमलावरों को जहां कोस रहे थे, वहीं अस्पताल में हर किसी पर हमलावर भी हो रहे थे।

कैमरों की थी बखूबी जानकारी

खंडसारी मुहल्ले में नईम के बैठने स्थान समेत मसाले व किराना की दुकान तक सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछा हुआ था। कातिलों को भी इसकी जानकारी थी, यही वजह रही कि तीनों एक बाइक पर सवार होकर पहुंचे और सभी हेलमेट लगाए हुए थे। ताकि कैमरों में उनकी शिनाख्त न होने पाए। इसी दौरान उन्हें दुकान पर बैठे कासिम पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं।

भेजा चीरकर निकली बुलेट

डॉक्टरों की मानें तो एक बुलेट कासिम के सिर में धंसी और उसे चीरते हुई दूसरी ओर निकल गई। प्रथम ²ष्टया इसी को मौत की वजह माना जा रहा है। हालांकि सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगी। यह भी पता लग जाएगा कि कासिम को कितनी गोलियां मारी गईं।

चीखकर भाग रहीं महिलाएं, पुलिस देती रही सांत्वना

जिला अस्पताल का माहौल भी काफी गमगीन रहा। कसिम के परिवार की महिलाएं विलाप करती हुई, यहां-वहां भाग रही थीं। जबकि महिला पुलिस उन्हें सांत्वना देते हुए रोक रही थी। महिलाओं का यही कहना था कि कातिलों को जल्द गिरफ्तार किया जाए।

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