पल्स आक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर का टोटा, बढ़े दाम
जेएनएन बदायूं जिले में कोरोना का कहर बढ़ रहा है। मेडिकल कालेज में बेड फुल हो चुके
जेएनएन, बदायूं : जिले में कोरोना का कहर बढ़ रहा है। मेडिकल कालेज में बेड फुल हो चुके है। अब आक्सीजन की कमी हो रही है। ऐसी भयावह स्थिति और आपदा में मुनाफाखोरों की चांदी कट रही है। कोरोना संक्रमण में काम आने वाली दवाएं बाजार से नदारद हो रही हैं। डिजिटल थर्मामीटर से लेकर पल्स आक्सीमीटर तक के दामों में तीन गुने तक इजाफा हो गया है। इस दावे की हकीकत के उलट दवा व्यापारी यह कहकर छूट जाते हैं कि उन्हें कंपनियों से आपूर्ति नहीं मिल पा रही। वहीं, विटामिन सी की दवाइयों में भी कमी आ गई है। इसके चलते तीमारदारों की जेब पर इसका भारी असर पर रहा है। आक्सीजन का स्तर मापने में काम आने वाले पल्स आक्सीमीटर का टोटा पड़ गया है। इसके दाम में तीन गुना बढ़ा दिए गए हैं। पहले आक्सीमीटर पहले 800 से एक हजार रुपये में मिलता था लेकिन अब इसके दाम दो हजार रुपये से भी अधिक हैं। वहीं, कुछ दुकानों पर चोरी छिपे महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। इसके अलावा अब तक सौ से डेढ़ सौ रुपये में मिलने वाला डिजिटल थर्मामीटर के भी दाम दोगुने हो गए। ये चार से पांच सौ रुपये में बिक रहा है। चूंकि कोरोना संक्रमितों के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाएं डगमगा रही है। इस वजह से संक्रमित मरीज घरों में ही आइसोलेट हो रहे हैं। बुखार और आक्सीजन स्तर मापने के लिए संक्रमितों के तीमारदारों को इन उपकरण को जरूरत पड़ रही है। ऐसे में तीमारदार इन उपकरणों की खरीदारी कर रहे हैं। दवा विक्रेताओं का कहना है कंपनियों से आक्सीमीटर और डिजीटल थर्मामीटर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस कारण इनके दाम बढ़े हुए हैं। वहीं बुखार में काम आने वाली डाक्सीसाइक्लिन टेबलेट की भी कमी देखने को मिल रही है। शहर के लावेला चौक स्थित दवा विक्रेता तनुज उपाध्यय ने बताया कि कंपनियों से पल्स आक्सीमीटर, डिजिटल थर्मामीटर समेत विटामिन सी की दवाइयों की आपूर्ति कम है। कुछ के दाम बढ़े हुए है कुछ दवाएं निर्धारित दामों पर बिक रही है। विटामिन-सी की दवाइयों की कमी
जिले में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से स्थिति भयावह हो रही है। मरीजों को सांस की दिक्कत से लेकर कमजोरी महसूस हो रही है। ऐसे में विटामिन- सी कारगर साबित हो रही है। इस वजह से दवा की दुकानों पर विटामिन सी, लिम्सी, डाक्सीसाइकिलन, जिक व पैरासिटामोल जैसी दवाओं की मांग भी बढ़ गई है लेकिन अचानक मांग बढ़ने से कई कंपनियों की दवाओं में कमी देखने को मिल रही है।
पल्स आक्सीमीटर की बढ़ी मांग
कोरोना की दूसरी लहर में लोग इतने डरे हुए हैं कि सर्दी-जुकाम या सांस की दिक्कत होते ही लोग पल्स आक्सीमीटर खरीदकर घर पर रख रहे हैं। अब तक आक्सीमीटर सिर्फ सरकारी अस्पतालों या निजी चिकित्सकों के यहां होते थे लेकिन होम आइसोलेशन के कारण अब घर-घर में खरीदे जा रहे हैं। इस वजह से भी आक्सीमीटर की मांग बढ़ने के साथ ही इसकी आपूर्ति कम हुई है।