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गांवों में खंगाले जा रहे बाहर से आए लोग

बाहर से आने वाले लोगों को घरों और गांव में ही क्वारंटाइन करने के लिए पिछले दिनों पंचायती राज विभाग ने सभी प्रधान और सचिवों से डाटा मांगा तो उसमें पेशबंदी के तमाम मामले सामने आए। इससे प्रशासन उन लोगों तक नहीं पहुंच पाया जिनसे खतरा हो सकता था। अब प्रशासन ने गांव-गांव जाकर बाहर से आने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 06:06 AM (IST)
गांवों में खंगाले जा रहे बाहर से आए लोग
गांवों में खंगाले जा रहे बाहर से आए लोग

जागरण संवाददाता, बदायूं : बाहर से आने वाले लोगों को घरों और गांव में ही क्वारंटाइन करने के लिए पिछले दिनों पंचायती राज विभाग ने सभी प्रधान और सचिवों से डाटा मांगा तो उसमें पेशबंदी के तमाम मामले सामने आए। इससे प्रशासन उन लोगों तक नहीं पहुंच पाया जिनसे खतरा हो सकता था। अब प्रशासन ने गांव-गांव जाकर बाहर से आने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी है। प्रशासनिक टीम अब जिला मुख्यालय से ही गांवों में जाएगी। तैयारियां शुरू हो गई हैं। ताकि बाहर से आने वाले लोगों को गांवों में ही क्वारंटाइन किया जा सके। लॉक डाउन होते ही सभी गांवों में बाहर से तमाम लोग आ गए। गांवों में बाहर से आने वाले लोगों का सिलसिला अभी भी जारी है। दिल्ली, मुंबई, पंजाब, नोएडा से लोग गांवों में पहुंचे तो ग्रामीणों को कोरोना वायरस का खतरा सताने लगा। इसी बीच डीएम कुमार प्रशांत के निर्देश पर पंचायती राज विभाग ने एक मार्च से गांवों में बाहर से आए सभी लोगों का डाटा सचिव और प्रधानों से मंगवा लिया। इसमें तमाम प्रधानों ने गांव की पेशबंदी के चलते कई नाम छिपाए तो कुछ नाम दर्ज कर औपचारिकताएं पूरी कर लीं। इधर, गांवों से लगातार कंट्रोल रूम पर सूचनाएं पहुंचीं तो सभी बाहर से आने वाले लोगों के बारे में जानकारी देने लगे। प्रधानों की सूची पर यहीं से संदेह हुआ। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी गांवों में नहीं पहुंचीं तो लोगों के अंदर कोरोना संक्रमण को लेकर और भय बन गया। कुछ स्थानों पर तमाम सूचनाओं के बाद पुलिस भी नहीं पहुंची तो इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों तक भेजी गई। इस बात पर डीएम और एसएसपी ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई तो अब गांव-गांव जाकर वह लोग खोजे जा रहे हैं। डीपीआरओ डॉ. सरनजीत कौर ने बताया कि जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम का गठन किया गया है ताकि प्रधान और सचिवों की सूची के अलावा वास्तविक हकीकत सामने आ सके। बाहर से आने वाले लोगों को गांवों में ही क्वारंटाइन करने के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।

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