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खत्म हुई रार, हाईवे से हटेंगे खंभे और तार

बदायूं-मेरठ फोरलेन हाईवे के निर्माण में खेतों में खड़े खंभे और लाइन ने जमकर बाधा अटकाई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 12:23 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 12:23 AM (IST)
खत्म हुई रार, हाईवे से हटेंगे खंभे और तार
खत्म हुई रार, हाईवे से हटेंगे खंभे और तार

बदायूं : बदायूं-मेरठ फोरलेन हाईवे के निर्माण में खेतों में खड़े खंभे और लाइन ने जमकर बाधा अटकाई। पोल और लाइन से ज्यादा जिम्मेदारियां इधर-उधर सरकाई जाती रहीं। अब विभागों ने इसका हल निकाला। शिफ्टिंग का काम अब खुद पीडब्ल्यूडी करेगा और निगरानी व निर्देशन पॉवर कॉरपोरेशन का रहेगा। इसके एवज में शिफ्टिंग के कुल खर्च की 15 प्रतिशत राशि पीडब्ल्यूडी कॉरपोरेशन को देगा। बजट मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

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400 करोड़ है हाईवे निर्माण की लागत

यह फोरलेन हाईवे बदायूं से संभल होते हुए मेरठ तक बनेगा। कुल 400 करोड़ रुपये इसकी अनुमानित निर्माण लागत है। बदायूं से संभल बार्डर तक 56.4 किलोमीटर तक के हिस्से में बदायूं से उझानी तक का 11 किमी का काम पीडब्ल्यूडी का प्रांतीय खंड और आगे 45.4 किलोमीटर का काम निर्माण खंड को सौंपा गया है। रास्ते के खेतों से लाइन व पोल शि¨फ्टग पॉवर कारपोरेशन को करना था। कॉरपोरेशन ने सात करोड़ का भारी भरकम एस्टीमेट थमा दिया। जुलाई में एक करोड़ रुपये का बजट मिला, लेकिन इतनी रकम से काम का श्रीगणेश तक नहीं हो सका। क्योंकि लाइनें एकसाथ हटाई जानी थी और खर्च अधिक होना था।

ऐसे निकाला हल

लाइन के कारण न निर्माण शुरू हो सका और न अन्य कार्य। दोनों विभाग एक दूसरे को चिट्ठी ही लिखते रहे। रार बढ़ने पर दोनों महकमों के अफसरों ने बैठकर हल निकाला। संसाधन पीडब्ल्यूडी के पास भी थे। बस, इसी बिंदु पर बात बन गई। तय हुआ कि विशेषज्ञ होने के कारण निगरानी कॉरपोरेशन करेगा। इसके लिए उसे कुल बजट की 15 प्रतिशत दी जाएगी। खेतों की सीमा पर लगेंगे पोल

फोरलेन के दोनों तरफ कृषि भूमि है। किसानों के अपने खेत में पोल गाड़ने पर विरोध की आशंका है। अधिकारियों का कहना है कि अब पोल खेत के बजाय हाईवे से सटे खेत की बाउंड्री पर लगाए जाएंगे। इन्हीं पर लाइन खिंचेगी।

वर्जन

पीडब्ल्यूडी अब खुद ही पोल और लाइन शिफ्टिंग करेगा। हमारी एक टीम वहां निर्देशन के लिए तैनात रहेगी, ताकि कोई हादसा न होने पाए। इससे समय की भी बचत होगी और अतिरिक्त धन या संसाधन नहीं जुटाने होंगे।

- अताउर जफर, अधिशासी अभियंता, पॉवर कारपोरेशन


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