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बच्चों को नहीं मिल रहा एमडीएम, बीएसए ने रोका वेतन

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपाल सिंह राजपूत ने विकास क्षेत्र म्याऊं व जगत के परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। ज्यादातर विद्यालयों में बच्चों को मध्याह्न भोजन दूध व फल नहीं दिए जा रहे या मेन्यू का पालन नहीं किया जाता।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 11:57 PM (IST)
बच्चों को नहीं मिल रहा एमडीएम, बीएसए ने रोका वेतन
बच्चों को नहीं मिल रहा एमडीएम, बीएसए ने रोका वेतन

जागरण संवाददाता, बदायूं : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपाल सिंह राजपूत ने विकास क्षेत्र म्याऊं व जगत के परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। ज्यादातर विद्यालयों में बच्चों को मध्याह्न भोजन, दूध व फल नहीं दिए जा रहे या मेन्यू का पालन नहीं किया जाता। प्राथमिक विद्यालय बुधुआ नगला में मात्र 9 बच्चे ही मौजूद मिले। 23 जनवरी से मध्याह्न भोजन बंद चल रहा है। फल व दूध का वितरण भी नहीं किया जाता। विद्यालय का चार्ज न देने पर पूर्व प्रधानाध्यापक ब्रह्मऋषि मिश्रा का अग्रिम निर्देश तक वेतन रोका गया है। शिक्षिका नेहा से स्पष्टीकरण मांगा गया। प्राथमिक विद्यालय मंशा नगला में इंचार्ज प्रधानाध्यापक निधि तिवारी व शिक्षामित्र राखी दुबे के बिना सूचना अनुपस्थित मिलने पर वेतन व मानदेय रोका गया। एक ही कक्ष खुला था शेष बंद थे। बच्चे इधर-उधर घूम रहे थे। ढेरों अनियमितताएं थीं। यहीं के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुदेश राकेश के मानदेय पर रोक लगाई गई। वह बिना सूचना अनुपस्थित थे। प्राथमिक विद्यालय कंचनपुर घड़ा में शिक्षक विवरण का फ्लैक्स लगाने का निर्देश दिया। जगत के संविलियत विद्यालय सखानू में 540 में 179 बच्चे मौजूद मिले। शिक्षिका शिखा शर्मा के बिना सूचना गैरहाजिर होने पर वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय में 28 बच्चे उपस्थित थे और एमडीएम रजिस्टर में 56 बच्चों की अंकना की गई थी। प्रधानाध्यापक भारत सिंह का वेतन रोका गया है। प्राथमिक विद्यालय खरखोली खुर्द की प्रधानाध्यापक प्रीति वर्मा से स्पष्टीकरण मांगा है। प्राथमिक विद्यालय इस्लामगंज में मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं बनाया जाता। कुलचौरा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक महीपाल सिंह पंजिका में हस्ताक्षर करके गायब मिले। वेतन रोकने के साथ स्पष्टीकरण की कार्रवाई की गई। 178 के सापेक्ष मात्र 30 बच्चे ही मौजूद मिले जबकि पिछले दिनों हुई निरीक्षण के दौरान उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। शतप्रतिशत उपस्थिति होने व शैक्षिक स्तर में सुधार होने तक पूरे स्टाफ का वेतन व मानदेय रोका गया है।

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