परम विष्णु धाम गंगा घाट साधु मढ़ी पर लगेगा साधु संतों का संगम
भोर में चार बजे ही जब सैकड़ों साधु संत गंगा मैया के जयकारे लगाते हुए गंगा स्नान करने के लिए बढ़ते जाते हैं।
दहगवां : भोर में चार बजे ही जब सैकड़ों साधु संत गंगा मैया के जयकारे लगाते हुए गंगा स्नान को बढ़ते हैं तो एक अजब मनोहारी धार्मिक दृश्य उत्पन्न हो जाता है। इसके बाद पूरे दिन होने वाले यज्ञ, भजन, प्रवचन, पूजन और इस सबसे अलग परम विष्णु धाम का नैसर्गिक और धार्मिक वातावरण लोगों को सतयुग काल के किसी ऋषि मुनि के आश्रमों की याद ताजा कर देता है। परम विष्णु धाम गंगा घाट साधु मढ़ी पर एक महीने तक चलने वाले रामनगरिया कार्यक्रम के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान, यज्ञ, भजन-पूजन और संगीतमय भागवत कथा में भाग लेकर आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित करने के साथ-साथ पुण्य-लाभ कमाते हैं। माघ पूर्णिमा पर रामनगरिया कार्यक्रम का समापन होगा।
बदायूं-मेरठ राजमार्ग पर गांव बैरपुर से आठ किमी दक्षिण दिशा में गंगा किनारे यह धार्मिक स्थल 30 सालों से लाखों लोगों की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है।आश्रम के संचालक तपोनिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरि महाराज ने बताया कि 28 मई 1989 में वह गुरू महामंडलेश्वर युगपुरूष स्वामी परमानन्द जी महाराज की आज्ञानुसार हरिद्वार से गंगासागर तक पैदल यात्रा पर जा रहे थे, जब वह यहां पहुंचे तो पता चला कि यहां स्थित 250 साल पुरानी साधुमढ़ी गंगा में समाकर विलीन हो चुकी है। यहां माघ माह में एक महीने तक चलने वाले रामनगरिया कार्यक्रम में होने वाले गंगा स्नान, यज्ञ, भजन-पूजन और भंडारे में राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, उत्तरांचल, हिमाचल, पंजाब समेत देशभर के विभिन्न प्रांतों के साधु संतों और लाखों श्रद्वालुओं का अछ्वुत संगम होता है। पंचायती निरंजनी अखाड़े से हैं स्वामी विष्णुदेवानंद
आश्रम के संचालक स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरि महाराज पंचायती निरंजनी अखाड़े से हैं। बताया कि क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से उन्होंने हरिद्वार और होशियारपुर (पंजाब) की सीमा से मात्र तीन-चार किमी दूर हिमाचल प्रदेश में बदायूं के नाम से आश्रम स्थापित है।