तालाबों की खोदाई को गांवों में फिर चलेगा अभियान
कोरोना के चलते बीते वर्ष मार्च माह से लाकडाउन लगा। इसमें अन्य जिलों और प्रांतों में काम करने वाले मजदूर मय परिवार जिले में वापस लौटे। इस पर प्रवासियों को रोजगार दिलाने के लिए मनरेगा में तालाबों की खोदाई की गई। मानसून सत्र से पहले ही 1007 तालाबों की खोदाई हुई। इससे उनमें पानी दिखाई देने लगा।
जेएनएन, बदायूं : कोरोना के चलते बीते वर्ष मार्च माह से लाकडाउन लगा। इसमें अन्य जिलों और प्रांतों में काम करने वाले मजदूर मय परिवार जिले में वापस लौटे। इस पर प्रवासियों को रोजगार दिलाने के लिए मनरेगा में तालाबों की खोदाई की गई। मानसून सत्र से पहले ही 1007 तालाबों की खोदाई हुई। इससे उनमें पानी दिखाई देने लगा। इस पर अब फिर से तालाबों का जीर्णाेद्धार कराने और उनके चारों तरफ पौधारोपण की योजना बनी है। प्रवासियों को फिर काम दिलाते हुए मनरेगा में मानसून सत्र से पहले शेष तालाबों की खोदाई कराई जाएगी। इसके साथ ही उनका सुंदरीकरण भी किया जाएगा।
अतिक्रमण के कारण तमाम गांवों में तालाब अस्तित्व खोते चले गए। तमाम सरकारी तालाबों की जमीन पर लोगों ने कब्जा भी कर लिए। इससे तालाब सूखते चले गए। ऐसे में तालाबों को फिर से पुराना रूप देने को तालाबों की खोदाई की योजना तैयार की गई। इस तरह से तालाबों की सूची प्रशासन को भेजी गई। तालाबों की सूची तैयार करने के बाद पिछले साल तालाबों का जीर्णाेद्धार कराने का कार्य शुरू हुआ। इससे कुछ ही दिनों में तमाम तालाबों से कब्जे हटवाकर उनकी खोदाई का कार्य भी पूरा कराया। अब गांवों में इस बार मानसून सत्र से पहले ही सभी तालाबों को तैयार करने की योजना तैयार की गई है। चूंकि पंचायत चुनाव शुरू होने वाले हैं इसलिए तालाबों की खोदाई का कार्य न रुके। इसके लिए चुनावों से पहले ही तालाबों की खोदाई की कार्ययोजना तैयार की गई है, ताकि आचार संहिता में यह कार्य न फंसे। वर्जन ..
- मानसून सत्र से पहले ही सभी सरकारी तालाबों की खोदाई का कार्य पूरा कराया जाएगा। इसके लिए मनरेगा विभाग को निर्देश दिए हैं, ताकि मनरेगा से उन तालाबों का सुंदरीकरण किया जा सके।
- कुमार प्रशांत, डीएम