ेअब जिले में छिड़ा भूसा दान करने का अभियान
घुमंतू गोवंशीय पशुओं के पालन-पोषण के लिए जिले में भू दान आंदोलन की तर्ज पर भूसा दान को अभियान छिड़ा है।
बदायूं : घुमंतू गोवंशीय पशुओं के पालन-पोषण के लिए जिले में भू दान आंदोलन की तर्ज पर भूसा दान अभियान छेड़ा गया है। कस्बों और गांवों में जगह-जगह बने अस्थाई गोशाला में पलने वाले गोवंशीय पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कराया जा रहा है। अब प्रधान संगठन के पदाधिकारियों ने प्रधानों और ग्रामीणों से भूसा दान करने का आह्वान किया है।
जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर भूसा दान कराने का कार्यक्रम संचालित किया है। हाल ही में हुई प्रधानों की बैठक में डीएम ने बताया कि जिले में करीब 700 गोशालाएं बन गई हैं जिनमें 6 से 7 हजार गोवंश रह रहे हैं। इसलिए चारा, पानी एवं छाया आदि आवश्यक व्यवस्थाएं पूरे वर्ष की सारी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं। कहा कि पशुओं का चारा खाने के लिए नाद, पानी पीने के लिए सबमर्सिबल की व्यवस्था भी कर लें। दूध निकालने के बाद छुट्टा पशु छोड़ने वाले लोगों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई कराएं। प्रधान गांवों में आंदोलन चलाकर दान मिले भूसे को ट्रैक्टर ट्राली से इकट्ठा करें। कडे़ शब्दों में डीएम ने यह भी कहा कि जो भी ग्राम प्रधान रुचि लेकर कार्य नहीं करेगा, उसे समझा जाएगा कि वह प्रधानी चलाने योग्य नहीं है। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के प्रांतीय महासचिव सोहन पाल साहू और जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान ने भी प्रधानों से आह्वान किया है कि 25 मई तक गांवों में अभियान चलाकर भूसा दान कराएं। दरअसल, गांवों में बने अस्थाई गोशालाओं में छह हजार से अधिक गोवंशीय पशुओं का संरक्षण किया जा रहा है। घुमंतू पशु मिले तो सीज होगी पॉवर
डीएम दिनेश कुमार सिंह ने गोवंशीय पशुओं का संरक्षण करने वाले प्रधानों की सराहना करते हुए इसमें रूचि न लेने वाले प्रधानों को सख्त हिदायत दी है। कहा है कि मतगणना के बाद जिन गांवों में पशु घूमते हुए मिले, वहां के प्रधानों की पॉवर सीज कर दी जाएगी।
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