नहीं थमेंगे पहिये, नहीं थमेगी जिदगी
कोरोना काल की दूसरी लहर में जहां डाक्टर पुलिस व सफाई कर्मचारी कोरोना योद्धा बनकर उभरे हैं। वहीं 108 एंबुलेंस सेवा और एडवांस लाइफ सपोर्ट सेवा एंबुलेंस के कर्मचारी किसी से पीछे नहीं रहे हैं। संक्रमण के खतरे को देखते हुए भी इनके कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर मरीजों के लिए जीवन रक्षक बनकर उभरे है।
जेएनएन, बदायूं : कोरोना काल की दूसरी लहर में जहां डाक्टर, पुलिस व सफाई कर्मचारी कोरोना योद्धा बनकर उभरे हैं। वहीं, 108 एंबुलेंस सेवा और एडवांस लाइफ सपोर्ट सेवा एंबुलेंस के कर्मचारी किसी से पीछे नहीं रहे हैं। संक्रमण के खतरे को देखते हुए भी इनके कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर मरीजों के लिए जीवन रक्षक बनकर उभरे है। एंबुलेंस चालक रात हो या दिन, सूचना मिलने पर तत्काल कोरोना के मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने में जुटे रहते हैं। जिले की सीएचसी-पीएचसी, जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कालेज समेत अब तक आक्सीजन के दम पर 65 से अधिक गंभीर मरीजों को सेवाएं दे चुके हैं।
एंबुलेंस सेवा और कोविड एंबुलेंस इंचार्ज रोहित यादव ने बताया कि पिछले 15 दिनों से जिले में रोजाना संक्रमित के गंभीर होने की सूचनाएं लगातार मिलती है। दस अप्रैल के बाद शहर से लेकर देहात में संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं, कुछ ऐसे भी मरीज सामने आए है जिनकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी। 15 दिन में ऐसे करीब 65 मरीजों को भर्ती कराने के लिए आक्सीजन के दम इमरजेंसी सेवाएं एंबुलेंस कर्मियों ने दीं। शुरुआत में काफी लोगों को सीएचसी और पीएचसी तक भी पहुंचाया है। सूचना मिलते ही बिना देर किए एंबुलेंस मरीज को मेडीकल कालेज तक पहुंचाने के लिए गली-मोहल्लों व गांव में पहुंच जाती हैं। 50 फीसद एंबुलेंस कोरोना मरीजों को
जिले में 108 की कुल 36 एंबुलेंस और दो एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। जिसमें 50 फीसद एंबुलेंस कोरोना मरीजों को लाने जाने में लगाई गई है। जिनमें एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस है। कहां कितनी तैनात एंबुलेंस
कोरोना मरीजों के लेने जाने के लिए शहर से लेकर देहात कर 19 एंबुलेंस 24 घंटे कार्यरत है। जिनमें जिला अस्पताल के लिए तीन, मेडिकल कालेज के लिए एक एंबुलेंस, आसफपुर में एक, सैदपुर में एक, उझानी में एक, सहसवान में एक, दहगवां में एक, उसावां में एक, जगत में एक, समरेर में एक, सलारपुर में एक, दातागंज में एक, कुंवरगांव में एक, उघैती में एक और एडवांस लाइफ सपोर्ट एक एंबुलेंस कार्यरत हैं। प्रत्येक एंबुलेंस में छोटे-बड़े समेत तीन सिलिडर
फोटो 25 बीडीएन 13
कोविड एंबुलेंस इंचार्ज रोहित यादव बताते है कि सभी एंबुलेंस हर बीमारी के प्राथमिक उपचार की दवा से लेकर ऑक्सीजन देने में सदैव तैयार रहती है। प्रत्येक एंबुलेंस में आक्सीजन के तीन सिलिडरों की उपलब्धता हमेशा बनी रहती है। जिनमें एक बड़ा सिलिडर तो दो छोटे सिलिडर उपलब्ध रहते हैं। एंबुलेंस चालक, परिचलाक और इमरजेंसी मेडीकल टैक्निशियन को पीपीई किट भी मुहैया कराई जाती है।