जीवित मतदाताओं के नाम गायब, मृतकों के दर्ज निकले
इस बार बीएलओ ने वोटरलिस्ट फाइनल करने में कई गलतियां कीं। जिससे वोटर परेशान रहे।
बदायूं : मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर बड़े-बड़े दावों के बीच कई समीक्षा बैठकें भी हुई। इनके पीछे सिर्फ एक ही उद्देश्य था कि मतदान का प्रतिशत बढ़े और पुरानों के साथ नए वोटरों को भी मताधिकार का मौका मिले। इन दावों की कलई उस वक्त खुल गई जब वोट डालने पहुंचे कई लोगों के नाम वोटरलिस्ट से कट चुके थे। इतना ही नहीं वोटर लिस्ट में मृतकों के नाम भी दर्ज निकले। इससे लापरवाही सामने आई कि मतदाता पुनरीक्षण के अभियान में खूब हीलाहवाली बरती गई। लोग पर्चियों के लिए यहां-वहां भटकते देखे गए। इसी दौरान यह भी खुलासा हुआ कि कई लोगों के वोट कट चुके थे। इसकी वजह तो संबंधित बीएलओ को ही पता होगी लेकिन मृतकों के नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल मिले तो यह स्पष्ट हो गया कि हर स्तर पर इस कार्यक्रम में लापरवाही हुई है। जो तीन साल पहले गुजर गए, उनका लिस्ट में
शहर के मुहल्ला पंजाबी निवासी कस्तूरी लाल की मौत तकरीबन तीन साल पहले हो चुकी है। उनके बेटे अशोक का भी निधन सालभर पहले हो गया था। दोनों के ही नाम मतदाता सूची में शामिल थे। भाग संख्या 136 की मतदाता सूची में यह तथ्य उस वक्त प्रकाश में आया, जब वहां रहने वाले एक व्यक्ति के पूरे परिवार के नाम लिस्ट से काटे जाने की शिकायत दर्ज कराई गई।
मतदाताओं का दर्द उन्हीं की जुबानी फोटो - 23 बीडीएन - 57 मेरे परिवार में 10 वोटर हैं लेकिन पर्ची केवल मेरे नाम की ही आई। यहां आकर लिस्ट में देखा तो परिवार के सदस्यों के नाम वोटरलिस्ट से गायब थे। इस तरह मतदान का प्रतिशत बढ़ना तो दूर जितना था उतना रह पाना भी मुश्किल होगा।
राजेश मौर्य फोटो - 23 बीडीएन - 58
हर चुनाव में बीएलओ पर्ची पहुंचाते थे लेकिन इस बार पर्ची नहीं पहुंची है। बूथ पर पहुंचकर कई घंटे में लिस्ट से नाम मिल सका। तब जाकर मतदान किया। प्रशासन को ऐसे लापरवाहों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।
- अर्जुन