एआरटीओ ऑफिस में किया जाता है दुर्व्यवहार
एआरटीओ कार्यालय में बिना आर्थिक सहयोग काम नहीं होता है। प्राइवेट बसों के मालिक प्रति माह लगभग 25 लाख रुपये टैक्स जमा करते हैं। लेकिन कार्यालय में उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। यह बातें प्राइवेट बस यूनियन के जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहीं। उन्होंने अन्य पदाधिकारियों के साथ कलक्ट्रेट पर धरना दिया।
जेएनएन, बदायूं : एआरटीओ कार्यालय में बिना आर्थिक सहयोग काम नहीं होता है। प्राइवेट बसों के मालिक प्रति माह लगभग 25 लाख रुपये टैक्स जमा करते हैं। लेकिन कार्यालय में उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। यह बातें प्राइवेट बस यूनियन के जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहीं। उन्होंने अन्य पदाधिकारियों के साथ कलक्ट्रेट पर धरना दिया। फिर डीएम को संबोधित ज्ञापन जिला राजस्व अधिकारी को देकर कार्रवाई की मांग की है।
पदाधिकारियों ने कहा कि प्राइवेट बसों को फिटनेस के लिए बार-बार बुलाया जाता है। निरीक्षक एक और दरवाजा लगाने पर जोर देते हैं। सीट के अनुसार टैक्स देते हैं लेकिन, पुराने समय के अनुसार ज्यादा सीट पर टैक्स मांगा जाता है। कैरिज गाड़ी में स्पीड कंट्रोलर की आवश्यकता नहीं होती फिर भी विशेष दुकान से लगवाने को कहा जाता है। इस मौके पर राजीव जैन, भारत, सरताज, जाकिर, लल्ला, नजाकत अली, विकास आदि मौजूद रहे।