किशोरी को झारखंड भेजा, जबरन निकाह के प्रयास पर डाला जा रहा पर्दा
संवादसूत्र सिलहरी (बदायूं)
किशोरी को झारखंड भेजा, जबरन निकाह के प्रयास पर डाला जा रहा पर्दा
संवादसूत्र, सिलहरी (बदायूं) : लव जिहाद कर झारखंड से लाई गई हिंदू किशोरी व मुख्य आरोपित मुनफद को सोमवार झारखंड पुलिस ले गई। वहीं, स्थानीय पुलिस ने जबरन निकाह के प्रयास मामले पर पर्दा डाल दिया। रविवार को पुलिसकर्मियों ने मौके पर जाकर किशोरी को बंधनमुक्त कराया था। उसने बयान भी दिए, इसके बावजूद पुलिस तहरीर न मिलने की बात कहकर पीछा छुड़ा गई।
मूसाझाग क्षेत्र के गांव सराय पिरिया गांव का मुनफद हुसैन चार माह पहले मजदूरी करने झारखंड के जिला पलालू के पिपरा क्षेत्र में गया था। वहां पहचान छिपाकर खुद को रवि बताता था। हिंदू किशोरी से प्रेम संबंध बनाए, एक सप्ताह पहले मंदिर में शादी का दिखावा किया। 24 जून वह किशोरी को घर लाया तब उसे सच्चाई पता चली। विरोध पर कमरे में बंद कर दिया। रविवार को मौलवी मुन्ने हसन को बुलाकर जबरन निकाह पढ़वाने की तैयारी थी। जैसे ही किशोरी को कमरे से बाहर लाया गया, उसने शोर कर दिया। प्रकरण की जानकारी पर प्रधान श्यामबहादुर समेत दर्जनों लोगों ने हंगामा कर पुलिस बुलाई। उस समय किशोरी ने कहा था कि मुनफद, उसकी मां सलमा, पिता बबलू हसन व मौलवी जबरन निकाह व मतांतरण कराने का प्रयास कर रहा था।
पुलिस ने इस तरह झाड़ा पल्ला
स्थानीय पुलिस ने झारखंड बात की तो पता चला कि मुनफद पर अपहरण व पाक्सो का मुकदमा दर्ज है। इसी का सहारा लेकर मूसाझाग थाने की पुलिस ने जबरन निकाह के प्रयास पर पर्दा डालने की तैयारी कर ली। कहा कि झारखंड में मुकदमा दर्ज है इसलिए वहीं की पुलिस संबंधित धाराएं बढ़ाए। जबकि जबरन निकाह के प्रयास की घटना इसी क्षेत्र में हुई। मौलवी का शांतिभंग में चालान किया लेकिन, सलमा व बबलू पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में सीओ उझानी शक्ति सिंह ने बताया कि मुकदमा झारखंड में दर्ज है। किशोरी के 164 के बयान भी वहीं होंगे। अगर किशोरी मूसाझाग में हुए घटनाक्रम का उल्लेख अपने बयान में करेगी तो वहीं की पुलिस धारा और नामजदगी बढ़ाने का काम करेगी। यहां किसी प्रकार की तहरीर या कोई शिकायत युवती या उसके स्वजन ने नहीं की है।
ग्रामीणों में आक्रोश
सोमवार दोपहर को आई झारखंड की पुलिस किशोरी व मुनफद को लेकर चली गई। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किशोरी को छुड़ाया, उसके बयान हुए। जबरन निकाह के प्रयास के सभी प्रमाण मौके पर होने के बावजूद मुनफद के परिवार वालों को छोड़ दिया गया। पुलिस की ढिलाई से गांव में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका बनी रहेगी। रविवार को हुए घटनाक्रम से मुस्लिम पक्ष रंजिश मानने लगा है। प्रधान श्यामबहादुर ने बताया कि मौके पर छह लोग थे, पुलिस ने किसी के बारे में जानकारी नहीं जुटाई। दूसरे पक्ष ने यह सब षड्यंत्र के अंतर्गत किया था।