Move to Jagran APP

पंचायत चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे प्रवासी

जिले में पंचायत चुनाव में इस दफा कोरोना काल में लौटे प्रवासियों की भूमिका रहेगी। इसको ध्यान में रखकर ही संभावित प्रत्याशी अपनी तैयारियां कर रहे हैं। संभावित प्रत्याशी फिर से रोजी रोटी की तलाश में बाहर जाने का मन बना रहे प्रवासियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 01:29 AM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 01:29 AM (IST)
पंचायत चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे प्रवासी
पंचायत चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे प्रवासी

जेएनएन, बदायूं : जिले में पंचायत चुनाव में इस दफा कोरोना काल में लौटे प्रवासियों की भूमिका रहेगी। इसको ध्यान में रखकर ही संभावित प्रत्याशी अपनी तैयारियां कर रहे हैं। संभावित प्रत्याशी फिर से रोजी रोटी की तलाश में बाहर जाने का मन बना रहे प्रवासियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, गांव लौटे प्रवासी जिन्हें गांव में मनरेगा में काम मिला या फिर ऐसे प्रवासी जिन्होंने अपने हुनर से गांव में काम तलाश लिया। वह चुनाव में मुखिया चुनने को लेकर उत्साहित है।

loksabha election banner

जिले में कुछ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां पर लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी पहुंचे हैं। कुछ लोगों ने अपने खंडहर हो चुके घरों को दोबारा से तैयार कराया है। उनकी सोच है कि वह अब परदेश में नहीं जाएंगे। तमाम लोग अब अपनी जन्मभूमि पर ही भविष्य तलाश रहे हैं। अब उनको गांव में ही रोकने के लिए प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी उनके करीबी बनते जा रहे हैं। वजह है कि यह प्रवासी कई प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे। इस चुनावी माहौल में अब प्रवासी भी बाहर जाना नहीं चाहते हैं। उनका कहना है कि लंबे समय बाद उनको गांव का मुखिया चुनने का मौका मिला है। वह भी चुनाव बाद गांव में आने वाले बदलाव को देखना चाहते हैं। फोटो 29 बीडीएन- 13

लॉकडाउन से पहले हम दिल्ली के नागलोई में कबाड़े का कार्य करता था। लॉकडाउन में गांव लौटे तो खेती कर रहे हैं। लंबे समय बाद मौका मिला है कि गांव में प्रधानी का वोट डालेंगे।

- राजेश कुमार, गांव निताई नगला फोटो 29 बीडीएन- 11

गुजरात में ईंट भट्टे पर कार्य कर रहे थे। लॉकडाउन में काम बंद हो गया तो गांव चले आए। अब बाहर नहीं जाएंगे। गांव में चुनावी माहौल है तो प्रत्याशी भी मदद को आगे आ रहे हैं।

- मौजपाल, गांव चेतन नगला फोटो 29 बीडीएन- 12

उत्तराखंड में सब्जी का कार्य करते थे। लॉकडाउन में गांव चले आए। अब यहीं पर सब्जी बेच रहे हैं। गांव के चुनाव का माहौल काफी वर्षों बाद देखने को मिल रहा है।

- रामसेवक, गांव रिजोला फोटो 29 बीडीएन- 10

नोएडा में एक फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन में नौकरी गई। पैदल चलकर तमाम परेशानियां उठाकर गांव पहुंचे, अब यहां चाट-पकौड़ी का ठेला लगा लिया है। अब चुनावी माहौल है तो काफी अच्छा लग रहा है।

- मुकेश कुमार, गांव रिजोला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.