जयपुर में तैयार हो रही बदायूं की महायोजना
वर्ष 2011 में शहर के सुनियोजित विकास के लिए महायोजना लागू होनी थी लेकिन प्लान तैयार न होने की वजह से यह काम नहीं हो पाया। अब दोबारा से महायोजना तैयार कराने की कवायद तेज की गई तो प्लान का जिम्मा जयपुर की एनके बिल्डिग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया। सरकार की ओर से इस प्लान पर 41.90 लाख रुपये का बजट खर्च किया जा रहा है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने कंपनी को टेंडर दिया। कंपनी के इंजीनियर गुरूवार को यहां पहुंचे और अपनी योजना के बारे में विनियमित क्षेत्र के प्राधिकारी अमित कुमार को तैयार किया गया ले आउट दिखाया।
जागरण संवाददाता, बदायूं : वर्ष 2011 में शहर के सुनियोजित विकास के लिए महायोजना लागू होनी थी, लेकिन प्लान तैयार न होने की वजह से यह काम नहीं हो पाया। अब दोबारा से महायोजना तैयार कराने की कवायद तेज की गई तो प्लान का जिम्मा जयपुर की एनके बिल्डिग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया। सरकार की ओर से इस प्लान पर 41.90 लाख रुपये का बजट खर्च किया जा रहा है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने कंपनी को टेंडर दिया। कंपनी के इंजीनियर गुरूवार को यहां पहुंचे और अपनी योजना के बारे में विनियमित क्षेत्र के प्राधिकारी अमित कुमार को तैयार किया गया ले आउट दिखाया। शहर में महायोजना लागू न होने से मनमाने तरीके से जिसने जहां चाह वहां निर्माण करा लिया। इस तरह से शहर तितर-बितर तरीके से विकसित हो गया। विनियमित क्षेत्र की भी शुरू से ही लापरवाही रही कि निर्माण कार्य कराने वालों को नियम और कानून नहीं समझाया गया, कुछ मामलों में भवन स्वामियों को नोटिस तो जारी किया गया, लेकिन मानचित्र स्वीकृति की कार्रवाई जल्द नहीं की गई। ऐसे में कई अवैध कालोनियां भी यहां मनमाने तरीके से बना दी गईं। इससे कहीं पर चौराहों का नक्शा बिगड़ा तो कई स्थानों पर होटल की जगह हॉस्पिटल, पार्क की जगह बरातघर, हॉस्पिटल के लिए आवंटित जमीन पर गोदाम बना दिए गए। डीएम कुमार प्रशांत ने विनियमित क्षेत्र के प्राधिकारी को शहर को महायोजना के तर्ज पर विकसित कराने के निर्देश दिए। महायोजना तैयार कराने को जयपुर की कंपनी से पत्राचार शुरू किया गया। माना जा रहा है कि अगले महीने तक प्लान तैयार हो जाएगा। इसके बाद तमाम अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा। वर्जन ..
महायोजना राजस्थान के जयपुर में तैयार की जा रही है। इसका टेंडर शासन स्तर से कार्यदायी संस्था को दिया गया है। इस योजना पर 41.90 लाख रुपये का बजट सरकार खर्च कर रही है, ताकि शहर को महायोजना के हिसाब से व्यवस्थित किया जा सके। जल्द ही शहर बदला-बदला दिखाई देगा।
- अमित कुमार, प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र/सिटी मजिस्ट्रेट