Move to Jagran APP

हादसों में असमय जा रही जान, स्वजनों को दे रहे जीवन भर का दर्द

जिदगी की रफ्तार के बीच सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह आंकड़ा आपराधिक घटनाओं में होने वाली मौतों से अधिक है। असमय अभिभावक की मौत होने पर उसका परिवार तबाह हो जाता है। वहीं किसी परिवार में युवक या बच्चे की मौत होने से स्वजनों को जीवन भर का दर्द मिलता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 12:37 AM (IST)
हादसों में असमय जा रही जान, स्वजनों को दे रहे जीवन भर का दर्द
हादसों में असमय जा रही जान, स्वजनों को दे रहे जीवन भर का दर्द

जेएनएन, बदायूं : जिदगी की रफ्तार के बीच सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह आंकड़ा आपराधिक घटनाओं में होने वाली मौतों से अधिक है। असमय अभिभावक की मौत होने पर उसका परिवार तबाह हो जाता है। वहीं, किसी परिवार में युवक या बच्चे की मौत होने से स्वजनों को जीवन भर का दर्द मिलता है। हादसों को रोकने के लिए प्रशासनिक अमला कागजी खानापूरी करता रहा है। अभियान चलाकर वाहनों पर रिफ्लेक्टर भी लगवाए जाते रहे हैं, लेकिन हादसे नहीं थम रहे हैं। यातायात के नियमों का पालन कर इन हादसों को टाला जा सकता है।

prime article banner

जिले में बरेली-आगरा स्टेट हाईवे, मुरादाबाद-फर्रुखाबाद मार्ग, बदायूं-दातागंज रोड व बदायूं बाईपास पर लगातार हादसे बढ़ रहे हैं। अलापुर रोड पर मंडी समिति के पास भी अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। सड़कों की स्थिति सुधरी है। इससे इन्कार नहीं किया जा सकता, लेकिन वाहनों की बढ़ती रफ्तार जानलेवा साबित होने लगी है। यह हाल तब है जब प्रमुख चौराहों पर पुलिस तैनात रहती है। जगह-जगह यूपी 112 पुलिस की गाड़ियां भी तैनात हैं। अब कोहरा का प्रकोप शुरू हो चुका है। गन्ना लदी ट्रालियां जगह-जगह रात में निकलने लगी हैं। सड़क किनारे ट्रालियां खड़ी कर दी जाती हैं। तेज रफ्तार वाहन आकर उसमें टकरा जाते हैं और लोगों की असमय मौत हो जाती है। इधर बाइकों से हादसे बढ़े हैं। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि अब भी तमाम लोग बिना हेलमेट बाइक लेकर निकल रहे हैं और दो से अधिक सवारियां बैठी दिख रही हैं। दो महीने मे तीन घटनाएं ऐसी हुई हैं जिनमें बाइकों पर तीन से चार लोग सफर कर रहे थे। नियंत्रित स्पीड, ओवरटेक करने से परहेज करना चाहिए और खासकर कोहरे में अपने साइड का ख्याल रखते रहे स्लो ड्राइविग करनी चाहिए। वर्ष 2018

जिले में कुल सड़क हादसे - 543

हादसों में मृतकों की संख्या - 301

घायल हुए लोगों की संख्या - 431 वर्ष 2019

जिले में कुल सड़क हादसे - 549

हादसों में मृतकों की संख्या - 336

घायल हुए लोगों की संख्या - 447

वर्ष 2020 अक्टूबर तक

जिले में कुल सड़क हादसे - 342

हादसों में मृतकों की संख्या - 264

घायल हुए लोगों की संख्या - 218

वर्जन ::

सड़क दुर्घटनाएं को रोकने को जन जागरूकता अभियान के साथ बिना हेलमेट के बाइक और बिना सीट बेल्ट के कार चलाने वालों के चालान भी किए जा रहे हैं। कोहरे में हादसों को रोकने को वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगवा रहे हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह में भी अभियान चलाया। यातायात नियमों के पालन से हादसों को रोका जा सकेगा।

- मोहम्मद सुहेल अहमद, एआरटीओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.