दुष्कर्म पीड़िता के खुदकशी मामले में कोतवाल सस्पेंड
दुष्कर्म पीड़िता के खुदकशी मामले पर कोतवाल को सस्पेंड कर दिया गया।
दातागंज, बदायूं : सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की तहरीर पर तीन आरोपितों पर मुकदमा दर्ज करने में हीलाहवाली बरतने और एडीजी के आदेश पर नाफरमानी दिखाने के आरोप में दातागंज कोतवाल अमृतलाल को सस्पेंड कर दिया गया। एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सीओ को विभागीय जांच सौंपी है। कोतवाल द्वारा रिपोर्ट दर्ज न करने से आहत दुष्कर्म पीड़िता ने फंदा लगाकर खुदकशी कर ली थी। पीड़िता ने खुदकशी करने से पूर्व चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था, उसमें कोतवाल पर कार्रवाई न करने समेत अन्य आरोप लगाए हैं। इधर, आरोपितों की तलाश में जुटीं तीनों टीमों के हाथ खाली हैं।
दातागंज कोतवाली क्षेत्र की विवाहिता का 15 मई को बदायूं में दवा लेने जाने के दौरान अपहरण कर लिया था। पीड़िता को उसके रिश्तेदार समीर, जोएब व अरबाज निवासीगण कस्बा म्याऊं थाना अलापुर मध्यप्रदेश के सिकंदराबाद ले गए थे। वहां उसके साथ तीनों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसके पास रखे चार हजार और जेवरात भी लूट लिए थे। पीड़िता के पिता, पति व बहनोई उसे दिल्ली रेलवे स्टेशन से लेकर आए थे। दो जून को पुलिस को तहरीर दी लेकिन पुलिस ने पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट नहीं लिखी। मामला एडीजी बरेली जोन तक पहुंचा तो एडीजी ने 12 जून को पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। फिर भी कोतवाल अमृतलाल पर कोई असर नहीं पड़ा और मुकदमा दर्ज नहीं किया। बल्कि पीड़ित पक्ष से यह कह दिया कि किसी से पैरवी करा लो लेकिन मुकदमा नहीं लिखूंगा। इसी पुलिसिया उत्पीड़न से त्रस्त विवाहिता ने रविवार को फंदे पर झूलकर खुदकशी कर ली थी। जब इसकी भनक दातागंज कोतवाल को लगी तो उन्होंने कुछ घंटे पहले मुकदमा दर्ज होना दिखा दिया। बहरहाल, पूरे मामले में कोतवाल की लापरवाही दिखी। पुलिस की किरकिरी हुई तो एडीजी भी गंभीर हुए और कोतवाल को सस्पेंड करने के आदेश दिए। इस पर एसएसपी ने पहले अमृत लाल को लाइन हाजिर किया है। उसके बाद सस्पेंड कर दिया। वहीं, चुनाव सेल में तैनात इंस्पेक्टर गोविंद सिंह को दातागंज कोतवाल बनाया है।
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