किचन से टमाटर की बढ़ेगी दूरी, फसल बर्बाद
क्षेत्र में रुक-रुककर हो रही बरसात ने दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
बिसौली : क्षेत्र में रुक-रुककर हो रही बरसात ने दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिससे फसलों पर बुरा असर पड़ा है। टमाटर की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। किसानों ने दोबारा टमाटर की पौध के लिए टेंट लगाकर तैयारी शुरू की है। उड़द और अरवी की फसलें भी पानी भरने से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
क्षेत्र में अगस्त माह में रिकार्ड बरसात दर्ज हुई है। दबतोरी क्षेत्र के दर्जनों गांवों में लंबे समय से देशी टमाटर की फसल सैकड़ों एकड़ में उगाई जाती है। यहां के टमाटर की मांग देश की मुख्य मंडियों में रहती है। बड़ी संख्या में व्यापारी टेंट लगाकर टमाटर की फसल करते हैं। क्षेत्र के टमाटर को बदायूं जनपद के नाम से जाना जाता है। बरसात अधिक होने से टमाटर की पौध और खेतों में लगाई फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। जुलाई के आखिरी सप्ताह और अगस्त माह में टमाटर की फसल को खेतों में रखा जाता है जिसके बाद दीपावली से पहले अक्टूबर में टमाटर की फसल तैयार हो जाती है लेकिन इस बार देशी टमाटर की फसल तैयार करना मुश्किल है। टमाटर का करीब 50 प्रतिशत रकवा घट सकता है। दबतोरा गांव के नेतराम मौर्य, माधोराम मौर्य ने टमाटर की पौध दोबारा तैयार करने के लिए सूर्य की तेज धूप और बरसात से बचाने के लिए साडि़यों की झोपड़ी तैयार की हैं। चन्द्रपाल की अरवी की फसल भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। ललुआनगला के राकेश पाल सिहं, पप्पू ¨सह, मुन्नू ¨सह, उदयपाल, नवल सिहं के साथ अन्य किसानों की सैकड़ों बीघा उड़द की फसल बरसात के चलते नष्ट हो गई है। इन शहरों में भी पहुंचता है टमाटर
क्षेत्र का टमाटर देश की दिल्ली की आजाद मंडी, हरिद्वार, देहरादून, शिमला, हरदोई, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ आदि स्थानों पर भी सप्लाई किया जाता है। क्षेत्र के परसिया, जलालपुर, दबतोरा, दबतोरी, ललुआनगला, बीधानगला, मुसियानगला, भरतपुर, अतरपुरा, करखेडी, आदपुर, ततारपुर, लक्ष्मीपुर, आदि गांव में खेती की जाती है।