जागरण ने मानसिक मंदित बच्ची को मां-बाप से मिलाया
दैनिक जागरण में छपी फोटो देखकर एक परिवार को उनकी बिछड़ी बेटी मिल गई।
बदायूं : परिवार से बिछड़ी एक मानसिक मंदित बच्ची जो अपना पता तो दूर नाम भी नहीं बता पाने में अक्षम थी। उसे दैनिक जागरण ने परिजनों तक पहुंचाया। इस बीच चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को अपने पास सुरक्षित और अच्छे वातावरण में रखा। जागरण ने उसकी खबर प्रकाशित की तो तलाश में यहां-वहां भटक रहे परिजनों को आस जागी और चाइल्ड लाइन के आफिस पहुंचकर बच्ची को ले गए।
दो अप्रैल को वजीरगंज में चाइल्ड लाइन की टीम को एक मानसिक मंदित बच्ची भटकती हुई मिली। वह ठीक से बोल नहीं सकती, ऐसे में अपना या माता-पिता का नाम नहीं बता सकी। टीम बच्ची को अपने साथ ले आई और रहने, खाने और सोने की व्यवस्था के साथ काउंसिलिग शुरू कर दी लेकिन बच्ची कुछ बोल ही नहीं पा रही थी, ऐसे में टीम की सारी कोशिशें बेकार गईं। इधर, टीम के समन्वयक मुहम्मद इमरान ने इस संबंध में जागरण से संपर्क साधा तो तीन अप्रैल के अंक में जागरण ने मासूम की फोटो समेत खबर प्रकाशित की। जागरण में बच्ची की फोटो देख चाइल्ड लाइन की खोज की
- मासूम के मां-बाप समेत परिवार के लोग उसकी तलाश में रात दिन एक किए हुए थे। क्योंकि बच्ची दो दिन से लापता थी। तमाम आशंकाएं परिजनों को सता रही थीं। दैनिक जागरण में बच्ची की तस्वीर देखने के साथ ही परिजनों को पता लगा कि वह चाइल्ड लाइन के पास है। बुधवार देर शाम परिजन वहां पहुंच गए। मां-बाप से बिछड़ी हुई बच्ची काफी सहमी हुई थी। जब उसके पिता घमंडी और मां भूरी देवी निवासी गांव कुड़ेली थाना अलापुर वहां पहुंचे तो बच्ची दौड़कर उनसे लिपट गई। पिता के साथ गया समीर
- एक अप्रैल की रात को टीम को रेलवे स्टेशन पर 10 वर्षीय समीर मिला था। शुरूआत में उसने कुछ नहीं बताया लेकिन दो दिन यहां रहने के बाद उसने बताया कि पिता का नाम रईस है और वह फरीदाबाद का रहने वाला है। रामपुर में स्वार निवासी अपनी नानी के यहां आया था और वहीं से भाग निकला। टीम की सूचना पर उसके पिता यहां पहुंचे और बच्चे को अपने साथ ले गए। वर्जन
बच्ची के परिजनों ने हमारी टीम व दैनिक जागरण का आभार जताया है। बच्ची को सौंपने के साथ परिजनों से ख्याल रखने को कहा है।
मुहम्मद इमरान, जिला समन्वयक चाइल्ड लाइन