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बदायूं में राहगीरों को दर्द दे रहे हाईवे के गड्ढे

प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने के अभियान के साथ आई भाजपा सरकार के पांच साल पूरे होने को हैं। लेकिन जिले के लोग गड्ढों वाली सड़कों और हाइवे से जूझ रहे हैं। अधिकतर मार्गों पर बड़े-बड़े गड्ढों ने लोगों का निकलना दुश्वार कर दिया है। यहां आएदिन हादसे होते हैं जिसमें कई लोग घायल हो चुके हैं। बता दें कि यहां के मार्गों की हालत को देखते हुए इन गड्ढों को भरे जाने के लिए अभियान चलना था लेकिन यह अभियान अब तक शुरू नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 12:31 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 12:31 AM (IST)
बदायूं में राहगीरों को दर्द दे रहे हाईवे के गड्ढे
बदायूं में राहगीरों को दर्द दे रहे हाईवे के गड्ढे

जागरण संवाददाता, बदायूं: प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने के अभियान के साथ आई भाजपा सरकार के पांच साल पूरे होने को हैं। लेकिन जिले के लोग गड्ढों वाली सड़कों और हाइवे से जूझ रहे हैं। अधिकतर मार्गों पर बड़े-बड़े गड्ढों ने लोगों का निकलना दुश्वार कर दिया है। यहां आएदिन हादसे होते हैं, जिसमें कई लोग घायल हो चुके हैं। बता दें कि यहां के मार्गों की हालत को देखते हुए इन गड्ढों को भरे जाने के लिए अभियान चलना था, लेकिन यह अभियान अब तक शुरू नहीं हो सका है।

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शहर से निकले मुरादाबाद फर्रुखाबाद हाइवे की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। शहर से निकले हाइवे के अधिकतर हिस्से पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत मंडी के सामने और मंडी चौकी से पहले है। यहां राहगीरों के निकलने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। शहर के भामाशाह चौक से ओवरब्रिज होते हुए जब मंडी की तरफ जाते हैं तो लोगों को गड्ढों से होकर ही गुजरना पड़ता है। ओवरब्रिज से उतरने के बाद मंडी चौकी तक पूरा रास्ता ऊबड़ खाबड़ है। इस मार्ग की हालत करीब एक साल से से खराब है। यहां के लोग कई बार जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन से इस बाबत शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शहर के रोडवेज बस अड्डे के सामने ही एक नहीं बल्कि कई बड़े बड़े गड्ढे हैं। यहां से निकलने वाली बसों व अन्य वाहन अक्सर यहां फंस जाते हैं। पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका की लापरवाही से गड्ढों में कीचड़ भर गया है। खतरे से खाली नहीं यहां से निकलना

बदायूं-मुरादाबाद हाइवे की हालत भी शहर से निकले अन्य हाइवे की तरह ही है। यहां आसपास औद्योगिक क्षेत्र होने के बाद भी हालत बदतर है। पिछले छह माह से हाइवे पर पटेल चौक के पास गड्ढे हो गए हैं, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई है। यहां तकरीबन दो किमी का एरिया गड्ढों और टूटी सड़क से होकर ही जाना पड़ता है। शहर को जोड़ने वाले इस मार्ग से प्रतिदिन 20 से अधिक गांवों के लोग आते जाते हैं। अधूरा पड़ा उझानी मथुरा हाइवे

शहर से गुजरा उझानी-मथुरा हाइवे निर्माणाधीन है। एक तरफ की सड़क बन गई है, जबकि दूसरी तरफ की सड़क अधूरी है। हाइवे का काफी हिस्सा उखड़े होने पर वाहन फंस जाते हैं। रात के समय यहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। यहां आसपास के रहने वालों का कहना है कि कार्यदायी संस्था को एकतरफ से सड़क बनाकर कार्य पूरा करते जाना था, लेकिन वह अपने हिसाब से कार्य कर रहे हैं। जिससे अब तक हाइवे निर्माण पूरा नहीं हो सका है। लोगों की बात

जिले के हाइवे की स्थिति बहुत खराब है। सरकार ने दावे किए लेकिन पूरे नहीं कर सकी। हाइवे पर हुए गड्ढों की वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

- शाहिद खान, व्यापारी सिर्फ हाइवे ही नहीं कस्बे और शहर की सड़कों की भी हालत खराब है। ककराला की मुख्य सड़क की ही हालत खराब है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

- मुस्लिम खां, शिक्षक चाहें किसी हाइवे पर चले जाएं, गड्ढे ही गड्ढे मिलेंगे। गड्ढों के कारण वाहनों की स्थिति तो खराब होती ही है, सफर भी खराब हो जाता है। गड्ढे भरवाने चाहिए।

-गिरीश बाबू, व्यापारी वर्जन

पीडब्ल्यूडी जल्द ही गड्ढों को भरवाने का कार्य शुरू करेगा। बीते दिनों हुए बारिश के चलते अभियान शुरू नहीं हो सका। सड़कों और हाइवे को चिन्हित कर लिया गया है।

- संजय जैन, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, निर्माण खंड


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