खुद को आग लगाने वाले किसान की मृत्यु, सात गिरफ्तार
बदायूं में खुद को आग लगाने वाले किसान की मृत्यु सात गिरफ्तार
खुद को आग लगाने वाले किसान की मृत्यु, सात गिरफ्तार
जेएनएन, बदायूं : पुलिस की मिलीभगत से परेशान होकर खुद को आग लगाने वाले किसान की गुरुवार तड़के मृत्यु हो गई। घटना के बाद पुलिस की आंखें खुलीं और पीड़ित पर हमला करने वाले आरोपितों को गिरफ्तार किया। इन पर आगजनी की धारा भी लगाई जाएगी। प्रकरण में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मी बुधवार को ही निलंबित किए जा चुके। आइजी रमित शर्मा ने विशेष जांच दल भी बनाया है, जोकि पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच कर रिपोर्ट देगा।
23 अप्रैल को सिविल लाइंस के गांव रसूलपुर बिलहरी निवासी कृष्णपाल के खेत में रामेंद्र व साथियों ने रंजिशन आग लगा दी थी। अगले दिन थाने में शिकायत पर रामेंद्र, रामऔतार, रामेश्वर, ओमेंद्र, श्रीराम, विवेक, ओमवीर, देवेंद्र ने उन्हें पीटा। 25 अप्रैल को पुलिस ने कृष्णपाल की ओर से सिर्फ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया, आगजनी की धारा नहीं लगाई। स्वजन का आरोप है कि पुलिस ने आरोपितों से मिलीभगत कर कृष्णपाल पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया, ताकि समझौते का दबाव बनाया जा सके। इसके विरोध में कृष्णपाल थाने, चौकी के चक्कर लगा रहे थे। सुनवाई नहीं होने पर बुधवार को उन्होंने एसएसपी कार्यालय परिसर पहुंचकर खुद को आग लगा ली। 95 प्रतिशत जल जाने के कारण उन्हें बरेली के श्रीराममूर्ति मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। देर रात हालत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए। मेडिकल कालेज पहुंचे एसएसपी डा.ओपी सिंह ने उन्हें दिल्ली ले जाने की जिम्मेदारी दातागंज इंस्पेक्टर सौरभ सिंह को दी। इससे पहले गुरुवार सुबह चार बजे कृष्णपाल की मृत्यु हो गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीण प्रदर्शन कर सकते हैं, इस आशंका के कारण गांव में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी गई। दोपहर को शव पहुंचने पर एडीएम प्रशासन ऋतु पुनिया, एसपी सिटी प्रवीण सिंह भी गांव पहुंच गए।
आरोपितों पर लगेगा गैंगस्टर
पुलिस के अनुसार, दोपहर को सात आरोपित गिरफ्तार कर लिए, इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी होगी। कृष्णपाल की ओर से पहले से दर्ज मुकदमे में आगजनी की धारा भी बढ़ाई जाएगी। वह आठ बीघा भूमि बटाई पर करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण राशन आदि का इंतजाम कराया गया। उनकी बेटियों की शादी व पढ़ाई का खर्च प्रशासन उठाएगा। कृष्णपाल की पत्नी सीमा को अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मुआवजा में पांच लाख रुपये दिलाए जाएंगे। इसके बाद कछला घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
एसएसपी ने भी नहीं सुनी फरियाद
कृष्णपाल के बेटे अमरजीत ने कहा कि पुलिस की मिलीभगत की शिकायत एसएसपी डा.ओपी सिंह से भी की थी। उन्हें कार्रवाई के बजाय डांटकर भगा दिया था। इसी से परेशान होकर बुधवार को पिता ने खुद को आग लगा ली। एसएसपी ने आरोप को गलत बताया। कहा कि थाना व चौकी पुलिस ने अपनी भूमिका नहीं निभाई। जांच में पुष्टि होने पर पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।