धुंध में गुम हुई परिवार की खुशियां
कोहरे के कहर से परिवार की खुशियां बिखर गई। किसी तरह सब्जी बेचकर गुजारा हो रहा है।
जेएनएन, बिसौली : घने कोहरे और धुंध ने एक घर में अंधेरा कर दिया। हाईवे पर कोहरे में एक ट्रैक्टर ने घर के मुखिया को रौंद दिया। पिता की मौत के बाद तीनों बेटों ने घर का बोझ अपने कंधे पर उठा लिया। वो दिन याद कर उनकी आंखें आज भी भर जाती हैं।
12 दिसंबर 2018 की भोर में कोहरा छाया हुआ था। इसी दौरान नगर की बद्री प्रसाद कॉलोनी निवासी 50 वर्षीय अशर्फीलाल सड़क पर जा रहे थे। पीछे आ रहे ट्रैक्टर ने उन्हें रौंद दिया। इस दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। इस हादसे ने अशर्फीलाल के घरवालों का जीवन भी अंधकारमय कर दिया। खेवनहार की मौत से आमदनी का जरिया खत्म हुआ और परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा। ऐसे में पूरे घर की जिम्मेदारी बड़े पुत्र होतीलाल के कंधे पर आ गई। बेटे खेतीबाड़ी का काम देखते थे। अशर्फी नगर में सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। न तो कोई स्थायी आमदनी थी और न ही परिवार के पीछे किसी का हाथ। ऐसे में पुत्र होतीलाल, रोहताश और जितेंद्र ने भी अपना पुश्तैनी धंधा ही अपना लिया। तीनों पुत्र नगर के पिदारा रोड पर ही सब्जी बेचने लगे। इसके साथ ही नगर और आस पास की साप्ताहिक बाजारों भी तीनों भाइयों ने सब्जी बेची। जब इस दुर्घटना के बारे में सबसे छोटे पुत्र जितेंद्र से बात की तो उसकी आंखें भर आई। कहा कि कोहरे ने जो जख्म दिया है, वह आज भी ताजा है। दोनों बड़े भाइयों की कड़ी मेहनत और मां हरदेवी द्वारा समय-समय पर उत्साह बढ़ाने के कारण ही आज परिवार की माली हालत सुधरी है।