आजमगढ़ में भी फेल, अब कहां जाएंगे धर्मेंद्र
जेएनएन, बदायूं : लोकसभा उपचुनाव में आजम खां का गढ़ रामपुर ही नहीं. आजमगढ़ में भी सपा का किला ध्वस्त हो गया। मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव लोकसभा चुनाव में बदायूं सीट पर चुनाव हार गए थे। उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें सपा की मजबूत पकड़ वाली सीट आजमगढ़ से मैदान में उतारा था, लेकिन वहां भी साइकिल दौड़ नहीं पाई। बदायूं में वे दस साल सांसद रहे हैं, यहां उन्होंने अपना आवास भी बना रखा है। राजनीति गलियारे में अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर धर्मेंद्र यादव अब किस जिले में राजनीति करेंगे।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 13 साल पहले अपने भतीजे धर्मेंद्र यादव को बदायूं अपना गढ़ सहेजने के लिए भेजा था। तब सपा के जिलाध्यक्ष बनवारी सिंह यादव थे। जिले के लोगों ने उन्हें सिर माथे पर बैठाया था। उन्होंने भी कुछ बड़े काम किए। सड़कों का जाल बिछाया, राजकीय मेडिकल कालेज का निर्माण कराया। शहर में ओवरब्रिज और बाईपास का भी निर्माण कराया। बदायूं-बरेली रोड को फोरलेन बनवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने शहर में अपना स्थायी आवास भी बनाया, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में वह चुनाव हार गए। उसके बाद भी वह कहते रहे कि बदायूं को वह कभी नहीं छोड़ेंगे लेकिन उप चुनाव में वह आजमगढ़ से चुनाव लड़ा लेकिन वहां भी सफल नहीं हो सके। अब राजनीतिक गलियारे में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर आगे का चुनाव वह कहां लड़ने जाएंगे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस उप चुनाव से यह बदायूं में भाजपा की स्थिति और मजबूत होगी और सपा कमजोर। हालांकि जिले के सपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि धर्मेंद्र यादव बदायूं से ही राजनीति करते रहेंगे। फिलहाल, तो हर किसी को इंतजार है कि धर्मेंद्र यादव का अगला कदम क्या होगा।