कटौतीमुक्त शहर में झटके दे रही बिजली
बदायूं कटौतीमुक्त जिला है। इसके बावजूद खूब बिजली की कटौती की जा रही है।
बदायूं : 24 घंटे की बिजली देने का वादा आचार संहिता लागू होने से करीब तीन माह पूर्व हुआ तो ऐसा लगा कि बदायूं कटौतीमुक्त शहर की श्रेणी में आ गया लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शहर में अघोषित कटौती का संकट फिर गहराने लगा है। दिनों-दिन बिजली सप्लाई के हालात बदतर खराब हो रहे हैं। कई घंटे बिजली गुल रह रही है। आंकड़ों की बात करें तो दिन और रात मिलाकर पांच से छह घंटे बिजली गुल रहती है। जिम्मेदार लोकल फाल्ट के नाम पर कटौती की बात कह रहे हैं।
राज्य सरकार ने कटौतीमुक्त जिलों की सूची में बदायूं को भी शामिल किया। हालांकि शहर के सोथा, लोटनपुरा और जोगीपुरा फीडरों पर बिजली की खपत ज्यादा और राजस्व कम आने के कारण इन इलाकों में पहले से ही गर्मी में कटौती करने का ऐलान कर दिया था लेकिन मीराजी चौकी बिजलीघर से पोषित इलाके टिकटगंज, मिर्घाटोला, शहबाजपुर और हुसैनी गली के अलावा कचहरी उपकेंद्र के पुलिस लाइन चौराहा, मिशन कंपाउंड आदि क्षेत्रों में बिजली कटने लगी है। दोपहर और आधी रात के वक्त कटौती के कारण लोग चैन की नींद नहीं ले पा रहे हैं। इस वक्त काटी जा रही बत्ती
- आधे शहर में पिछले पांच दिन से रात को एक से चार बजे तक सप्लाई बाधित हो रही है। जबकि दिन में भी समय-समय पर बिजली काटी जा रही है। दिन में भी लगभग दो से ढाई घंटे की सप्लाई टुकड़ों में काटी जा रही है। इसके अलावा ट्रांसफार्मरों की ओवरलोडिग के कारण भी अक्सर ट्रिपिग की जा रही है। फिर कौन करता है मरम्मत
- रात को 12 बजे के बाद शहर के बिजलीघरों पर तैनात लाइनमैनों की ड्यूटी खत्म हो जाती है। इसके बाद लाइनमैन सुबह आठ बजे ही आते हैं। आपात स्थिति में ही आधी रात को उन्हें बुलाया जाता है। ऐसे में आधी रात को लाइन बंद करके कौन फाल्ट दूर करता है। इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वर्जन
जो भी सप्लाई कट रही है, वह लोकल फाल्ट संभालने के लिए काटी जाती है। लाइनों में अक्सर फाल्ट आ जाता है। रही बात ब्लैक लिस्टेड फीडरों पर कटौती की तो वहां नियमित कांबिग कराकर बिजली चोरों की धरपकड़ के बाद ही निर्बाध आपूर्ति दिया जाना संभव है।
- मधुप कुमार, अधीक्षण अभियंता