चाइनीज माल पर कोरोना का वार, होली पर चढ़ेगा देसी बाजार
इस बार होली के बाजार में चाइनीज रंग से लेकर पिचकारियां और अन्य उत्पाद कम देखने को मिलेंगे। लंबे अरसे के बाद मेहमानों का स्वागत देशी खाद्य पदार्थो से होगा। वजह है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण चाइनीज उत्पादों की आवक पर रोक लग गई
जागरण संवाददाता, बदायूं : इस बार होली के बाजार में चाइनीज रंग से लेकर पिचकारियां और अन्य उत्पाद कम देखने को मिलेंगे। लंबे अरसे के बाद मेहमानों का स्वागत देशी खाद्य पदार्थो से होगा। वजह है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण चाइनीज उत्पादों की आवक पर रोक लग गई है। सीमित स्टाक ही व्यापारियों के गोदामों में बचा है। जो होली जैसे त्योहार पर काफी कम पड़ेगा। ऐसे में इस बार होली पर देसी उत्पादों की झलक बाजार से लेकर घरों तक दिखाई देगी। पिछले एक दशक से तकरीबन हर त्योहार पर चाइनीज आइटम बाजार में मजबूती से पकड़ बना लेते थे। दिवाली पर चाइनीज झालरें और कंडील तो रक्षाबंधन पर चाइनीज राखियां, यहां तक कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भी चाइनीज हिडोले समेत सजावट का सामान बाजार में दिखता था। होली पर भी चाइनीज कचरी समेत पिचकारियां और रंग की बाजार में जमकर खरीदारी होती थी। लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से यह उत्पाद होली पर भारतीय बाजारों में नहीं आ सकेंगे। पिछले साल की बची हुई पिचकारियां ही बाजार में दिखेंगी। व्यापारियों की बात :::::::::::::::::: चाइनीज पिचकारियों की मांग खुद ग्राहक ज्यादा करते हैं, इसलिए मंगवाना पड़ती हैं। हालांकि इस बार चाइनीज माल महंगा होने की वजह से ज्यादा नहीं आ सका है।
नरेश साहू, पिचकारी व्यापारी
ग्राहक जब चाइनीज कचरी-पापड़ मांगते हैं तो उन्हें देना पड़ता है। हालांकि इस बार बड़े थोक विक्रेताओं के पास माल कम होने की सूचना मिल रही है।
मुनीश गुप्ता, कचरी व्यापारी
घरेलू चिप्स-पापड़ हमारे यहां मिलते हैं। हालांकि ग्राहक दुकान से न लौटे तो इसके लिए चाइनीज आइटम भी रखना पड़ते हैं। दिल्ली से थोक माल इस बार नहीं मिल रहा है।
दयाल गुप्ता, पापड़, व्यापारी लोगों की बात ::::::::::::::::::::::::::: चाइनीज माल पर अभी भले ही कोरोना वायरस के कारण रोक लगी है लेकिन इसी तरह वहां से माल लेना बंद कर दिया जाए तो स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
शिवकुमार देश में बेरोजगारी की समस्या की एक वजह चाइनीज माल भी है। स्वदेशी माल यहीं कारखानों में बने तो लोगों को रोजगार मिलेगा और आपराधिक घटनाएं भी कम हो जाएंगी।
लोकेश अरोरा
स्वदेशी सामान से देश का व्यापार बढ़ने के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। चीन के माल पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाए तो हमारे देश का पैसा देश में ही रहेगा।
राजाराम