देहात में रोजगार के द्वार खोलेगा पशुधन विभाग
देहात क्षेत्र में रूरल बैकयार्ड भेड़ बकरी एवं सूकर पालन योजना के तहत पशुधन विभाग गांवों में रोजगार के द्वार खोलेगा। इसके तहत तमाम योजनाएं संचालित की गईं जो बकरी भेड़ सूकर पालने करने वालों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, बदायूं : देहात क्षेत्र में रूरल बैकयार्ड भेड़, बकरी, एवं सूकर पालन योजना के तहत पशुधन विभाग गांवों में रोजगार के द्वार खोलेगा। इसके तहत तमाम योजनाएं संचालित की गईं जो बकरी, भेड़, सूकर पालने करने वालों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
देहात क्षेत्र में पशुधन विभाग की ओर से यह योजना पहली बार संचालित की गई है। योजना का लाभ जरूरतमंदों को दिलाने के लिए संबंधित विभाग ने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। ताकि बेरोजगारों को रोजगार दिलाया जा सके। योजना का मकसद है कि छोटे पशुपालकों की भेड़, बकरी और सूकर पालन से उनकी दशा बदली जा सके। इंसेट ..
ऐसे किया जाएगा आवेदन
- रूरल बैकयार्ड योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को ग्राम पंचायत से प्रस्ताव तैयार कराना होगा। ब्लॉक से मिले प्रारूप को भरने के बाद ग्राम पंचायत उस आवेदन को ब्लॉक मुख्यालय भेजेगी। ब्लॉक मुख्यालय से उस आवेदन को मंजूर किया जाएगा। इसके बाद पशुधन विभाग जिस योजना के तहत आवेदन होगा उस लाभार्थी को उसी हिसाब से धनराशि जारी करेगी। यह है योजना
पशुधन विभाग की ओर से संचालित योजना में भेड़, बकरी पालन के लिए एक यूनिट पर 66000 रुपये खर्च किए जाएंगे। इसी तरह से सूकर पालन करने वाले को एक यूनिट पर 21 हजार रुपये की धनराशि मिलेगी। इसमें 60 प्रतिशत केंद्र और 30 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। लाभार्थी को अपने खाते में योजना के तहत मिलने वाली धनराशि में से दस प्रतिशत धनराशि अपने खाते में दिखानी होगी। इसके बाद पशुधन विभाग की ओर से अनुदान पर मिलने वाली धनराशि उस खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। सूकर पालन के लिए आवेदन करने वाला अनुसूचित जाति का व्यक्ति होगा तो भेड़, बकरी के लिए सभी जाति के लोग आवेदन कर सकते हैं। वर्जन ..
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- रूरल बैकयार्ड योजना के तहत भेड़, बकरी और सूकर पालन करने वालों को विशेष सहायता दी जा रही है। इससे गांवों में बेरोजगारी काफी हद तक कम होगी। लाभार्थी को पूरा पैसा अनुदान के रूप में दिया जाएगा। दस प्रतिशत ही उसको अपने पास से एक यूनिट पर लगाना होगा।
- डॉ. एके जादौन, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी