सांड़ भी घूम रहे बेसहारा, इन्हें पहुंचाएं गोशाला
शहरी क्षेत्र में सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान लगातार चल रहा है लेकिन यह दावे हवाई साबित हो रहे हैं। रात में तो जहां-तहां निराश्रित पशु दिखाई देते ही हैं लेकिन दिन में भी विचरण करते रहते हैं। शहर के आसपास हाईवे के बीच में बने डिवाइडरों के पास बैठे गोवंशीय पशुओं का झुंड दिखाई पड़ता है।
जेएनएन, बदायूं : शहरी क्षेत्र में सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान लगातार चल रहा है, लेकिन यह दावे हवाई साबित हो रहे हैं। रात में तो जहां-तहां निराश्रित पशु दिखाई देते ही हैं, लेकिन दिन में भी विचरण करते रहते हैं। शहर के आसपास हाईवे के बीच में बने डिवाइडरों के पास बैठे गोवंशीय पशुओं का झुंड दिखाई पड़ता है। गाय को तो नगर पालिका प्रशासन पकड़वाकर गोशाला में पहुंचवा देता है, लेकिन सांड़ पकड़ने की जहमत कोई नहीं उठाता।
उत्तर प्रदेश सरकार शहर से लेकर कस्बों और गांवों तक गोवंशीय पशुओं के संरक्षण के लिए 124 गोआश्रय स्थल संचालित करा रही है। जिला प्रशासन की प्राथमिकताओं में भी गोशाला में रहने वाले पशुओं का संरक्षण शामिल है। दावा किया जा रहा है कि जिले में अब तक 15,187 बेसहारा पशु गोशाला पहुंचाए जा चुके हैं। नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में कहीं अस्थायी तो कहीं स्थायी गोशाला का संचालन भी किया जा रहा है। इसके बावजूद नगर पालिका व नगर पंचायतों की लापरवाही की वजह से बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं जो कि राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। आलम है कि शहर के मुख्य चौराहों और बाजारों में पशुओं के झुंड बैठे मिल जा रहे हैं। पशुओं को पकड़ने की बात आती है तो नगर पालिका के अधिकारी पशुपालन विभाग का काम बताते हैं, जबकि पशुपालन विभाग के अधिकारी इसे नगर निकायों की जिम्मेदारी बताते हैं। पिछले दिनों जिलाधिकारी दीपा रंजन ने जब सख्ती बरती तो अधिकारी दौड़ पड़े थे। शहर से लेकर कस्बों और गांवों तक पशु पकड़वाए गए थे, लेकिन उनके संरक्षण के उचित इंतजाम न होने के कारण तमाम पशुओं को जंगल में छोड़ना पड़ा था। नगर निकायों में गोशाला के नाम पर अच्छा खासा बजट भी खर्च किया जा रहा है, लेकिन गोवंशीय पशुओं को पकड़वाने में कोई रुचि नहीं दिखाई दे रही है।
इनसेट ::
गोवंश का किया अंतिम संस्कार
संस, बिल्सी : तहसील क्षेत्र के ग्राम सतेती चूरा पट्टी में एक गोवंश पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। जिसका इलाज भारतीय किसान यूनियन भानु के पदाधिकारी ठाकुर सत्यपाल सिंह ने कराया था, लेकिन शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। जिसका विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया। इसमें सत्यपाल सिंह, अनूप सिंह, सुबोध शर्मा, ग्राम प्रधान पुत्र राकेश कुमार सिंह, रोजगार सेवक डोरीलाल का सहयोग रहा।
फैक्ट फाइल ::
नगर पालिका परिषद की संख्या - 6
नगर पंचायतों की संख्या - 20
जिले में कुल गोशाला - 124
संरक्षित किए जा रहे गोवंशीय - 15,187
वर्जन ::
ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लाक के अधिकारी और नगर निकायों में अधिशासी अधिकारियों को बेसहारा पशुओं को गोशाला में संरक्षित कराने के लिए डीएम की ओर से निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर पशुपालन विभाग की टीम भी मदद कर रही है।
- डा.एके जादौन, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी
वर्जन ::
शहर से लेकर गांवों तक गोवंशीय पशुओं को पकड़वाने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। संरक्षित पशुओं के चारा, सर्दी से बचाव और उपचार के भी प्रबंध कराए जा रहे हैं। शहर में पालतू पशु छुट्टा मिलने पर जुर्माना लगाने के भी आदेश दिए गए हैं।
- दीपा रंजन, जिलाधिकारी