भाजपा की बागी पूनम यादव लड़ेंगी चुनाव, अनीता शाक्य ने वापस लिया नाम
सियासत में न कोई स्थायी शत्रु होता न ही कोई मित्र। हालात और समीकरण बदलते देर नहीं लगते। जिला पंचायत सदस्य सीटों पर भाजपा ने सभी 51 सीटों पर अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए तो पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं में असंतोष उत्पन्न हुआ। बगावत कर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव और विधायक शेखूपुर की बहन अनीता शाक्य ने अलग-अलग सीटों पर नामांकन करा दिया। पार्टी में गतिरोध बना तो मनाने का भी दौर चला। अनीता शाक्य ने तो पर्चा वापस ले लिया लेकिन पूनम यादव मैदान में डटी हुई हैं।
जेएनएन, बदायूं : सियासत में न कोई स्थायी शत्रु होता न ही कोई मित्र। हालात और समीकरण बदलते देर नहीं लगते। जिला पंचायत सदस्य सीटों पर भाजपा ने सभी 51 सीटों पर अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए तो पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं में असंतोष उत्पन्न हुआ। बगावत कर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव और विधायक शेखूपुर की बहन अनीता शाक्य ने अलग-अलग सीटों पर नामांकन करा दिया। पार्टी में गतिरोध बना तो मनाने का भी दौर चला। अनीता शाक्य ने तो पर्चा वापस ले लिया, लेकिन पूनम यादव मैदान में डटी हुई हैं।
बसपा शासन काल में पूनम यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद सपा ने इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की जद्दोजहद तो की थी, लेकिन प्रस्ताव पास नहीं हो सका था। उसके बाद सपा शासन काल में हुए चुनाव में सपा की मधु चंद्रा अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं। वर्तमान में पूनम यादव भाजपा में हैं और उन्होंने जिला पंचायत सदस्य सीट पर चुनाव लड़ने के लिए आवेदन भी किया था। अध्यक्ष की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है, इसलिए इस पद की भी दावेदारी पेश की थी। पार्टी की अधिकृत सूची में इनका नाम शामिल नहीं हुआ तो उन्होंने निर्दलीय के तौर पर डकारा पुख्ता सीट से नामांकन करा दिया। इसी तरह पूर्व मंत्री भगवान सिंह की पुत्री और शेखूपुर विधायक धर्मेंद्र शाक्य की बहन अनीता शाक्य ने भी अधिकृत सूची में नाम न होने पर जगत सीट से पर्चा भर दिया था। बागी प्रत्याशियों को मनाने के लिए पार्टी ने पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को यहां भेजा था। शनिवार देर रात तक उन्होंने जिला चुनाव संचालन समिति के पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों के साथ मंत्रणा की। इसके बाद रविवार को अनीता शाक्य ने पर्चा वापस ले लिया। उनका कहना है कि क्षेत्रीय लोगों के आग्रह पर नामांकन कराया था, पार्टी का निर्देश हुआ है इसलिए पर्चा वापस लिया है। सिसइया गुसाई से भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री दुर्विजय शाक्य की भतीजी दिव्या शाक्य ने भी नामांकन कराया था, लेकिन पार्टी की नीति के अनुरूप न होने का तर्क देते हुए उनका पर्चा भी वापस करा दिया गया है। जबकि पूनम यादव अपने फैसले पर अडिग हैं। उनका कहना है कि क्षेत्रीय जनता उनके साथ है, वह पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेंगी। पंचायती राज मंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद अनीता शाक्य और दिव्या शाक्य ने अपना पर्चा वापस ले लिया है। अधिकृत प्रत्याशियों को पूरे दमखम से चुनाव लड़ाया जा रहा है। पूनम यादव को लेकर जल्द ही पार्टी कोई निर्णय लेगी।
- स्वतंत्र प्रकाश गुप्त एडवोकेट, जिला संयोजक पंचायत चुनाव भाजपा