मास्क लगा शारीरिक दूरी बना किया भोलेनाथ का जलाभिषेक
जागरण संवाददाता बदायूं कोरोना संक्रमण के श्रावण मास का शुभारंभ सोमवार से हुआ। कोरोना के बावजूद श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व बना रहा इसलिए मंदिरों में सुबह से ही शिवभक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना को मास्क लगाकर पहुंचे। शारीरिक दूरी का ध्यान रखकर जलाभिषेक कर भोलेबाबा का आशीर्वाद लिया।
फोटो 6 बीडीएन 7 से 12
श्रावण मास सोमवार
- शिवालयों पर घंटा बजाने पर रही रोक, बनाए गए गोल घेरे
- मुख्य द्वार पर सैनिटाइज कराकर श्रद्धालुओं मंदिर में प्रवेश
जागरण संवाददाता, बदायूं : कोरोना संक्रमण के श्रावण मास का शुभारंभ सोमवार से हुआ। कोरोना के बावजूद श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व बना रहा, इसलिए मंदिरों में सुबह से ही शिवभक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना को मास्क लगाकर पहुंचे। शारीरिक दूरी का ध्यान रखकर जलाभिषेक कर भोलेबाबा का आशीर्वाद लिया। वहीं, मंदिरों की प्रबंधक कमेटी ने भी नियमों का कड़ाई से पालन कराया। शिवालयों में एक बार में पांच-पांच श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया। शिवभक्तों के हाथों को सैनिटाइज कराया गया।
श्रावण मास में सोमवार को शिवालयों में शिवभक्तों के साथ ही कांवड़िए भी जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के चलते कांवड़यात्रा पर रोक है, इसलिए श्रावण मास के पहले दिन सोमवार को सिर्फ शिवभक्त ही नजर आए। सहस्त्रधाम गौरी शंकर मंदिर में फाइबर से छह फीट की दूरी बनाकर गोल घेरा बनाया गया है। मुख्य गेट पर मौजूद पुजारी शिवभक्तों को जल्दी जल्दी जलाभिषेक कर बाहर आने का आग्रह कर रहे थे, जिससे अन्य शिवभक्तों को लाइन में ज्यादा देर नहीं खड़ा होने पड़े। इसके साथ ही मंदिर पर भीड़ भी नहीं लगे। यहां ज्यादा श्रद्धालु नहीं थे। फिर भी शारीरिक दूरी का पालन होता नहीं दिखा। मंदिर के बाहर ठेलों पर बेलपत्र और फूल की बिक्री की जा रही थी। नगला मंदिर, हर प्रसाद मंदिर, बिरूआबाड़ी मंदिर में जलाभिषेक पर रोक रही। लेकिन, सुबह से पूजा अर्चना के लिए पहुंचे शिवभक्तों ने शिवालय की परिक्रमा कर नंदी की पूजा की। पिछले वर्ष तक श्रावण मास में सोमवार को पूरे दिन मंदिर के कपाट खुले रहते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते प्रशासन ने सिर्फ सुबह पांच से 11 बजे तक ही पूजा-अर्चना की ही अनुमति दी थी। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस भी तैनात रही। कस्बों और गांवों के शिवालयों पर भी शिवभक्तों ने शारीरिक दूरी बनाकर जलाभिषेक किया। जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि, मंदिरों में दर्शन करने के लिए छूट दी गई हैं।
श्रद्धालुओं की बात :: फोटो 6 बीडीएन 13
कोराना महामारी के बीच मंदिर में नियम बदले गए हैं। भगवान के दर्शन के लिए छूट मिली है तो शारीरिक दूरी बनाकर दर्शन करना ही हितकर है।
- निर्वेश राठौर
फोटो 6 बीडीएन 14
भगवान शिव मंदिर ही नहीं कण-कण में है। मंदिरों में दर्शन और पूजन के नियम बदले गए हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी जरूरी है।
- सुरभि शर्मा फोटो 6 बीडीएन 15
कोरोना महामारी को देखते हुए कांवड़यात्रा पर रोक लगाना सही है। मंदिरों में पांच-पांच लोगों को जाने की छूट मिली है। यही बहुत है।
- कमलेश
फोटो 6 बीडीएन 16
कोरोना से बचाव जरूरी है। इसलिए मंदिरों में शारीरिक दूरी का नियम सही है। भगवान भोले की पूजा अर्चना तो भी घर पर ही कर लेते हैं।
- पुष्पपाल सिंह