उत्तराखंड में तलाशती रही पुलिस, शहर में टहलता मिला शराब माफिया
मास्टरमाइंड माफिया बावट गांव निवासी यशपाल पटेल को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने रविवार की दोपहर तकरीबन 11 बजे जिला अस्पताल के सामने से गिरफ्तार किया था। वह दो माह से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसकी तलाश में उत्तराखंड समेत गैर जनपदों में दबिश दी थी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग सका था।
बदायूं, जेएनएन : 50 हजार के इनामी शराब माफिया यशपाल को पुलिस उत्तराखंड में तलाश रही थी। जबकि वह यहीं जिला अस्पताल में टहलता मिल गया। पुलिस ने उसे पूछताछ के बाद सोमवार को जेल भेज दिया। इसकी गिरफ्तारी की कहानी हजम नहीं हो रही है। अब पुलिस शराब माफिया को शरण देने वाले मददगारों की तलाश कर रही है। पुलिस की जांच में स्थानीय लोग भी मददगारों की लिस्ट में शामिल हैं।
मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव तिगुलापुर में शराब कांड के मास्टरमाइंड माफिया बावट गांव निवासी यशपाल पटेल को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने रविवार की दोपहर तकरीबन 11 बजे जिला अस्पताल के सामने से गिरफ्तार किया था। वह दो माह से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसकी तलाश में उत्तराखंड समेत गैर जनपदों में दबिश दी थी लेकिन, उसका कोई सुराग नहीं लग सका था। पुलिस की कहानी के मुताबिक यशपाल के जिला अस्पताल आने की सूचना पर घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया गया। शराब कांड में तीन लोगों की मौत के बाद यशपाल पटेल के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसकी विवेचना सिविल लाइंस इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय को दी गई थी। यशपाल के खिलाफ जिले के चार थानों में अवैध शराब की तस्करी के संबंध में मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा सदर कोतवाली, सिविल लाइंस और मूसाझाग थाने से भी माफिया वांछित चल रहा था। चर्चा यह भी उसकी गिरफ्तारी के पीछे राजनैतिक हस्तक्षेप है। यशपाल पटेल एक भाजपा नेता का ममेरा भाई है। भाजपा नेता की ही सरपरस्ती में उसका मिलावटी शराब का कारोबार सरकारी दुकानों की आड़ में चल रहा था। इस दौरान मूसाझाग में उसकी दुकान से खरीदी हुई मिलावटी शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई। इसी वजह से यशपाल का मिलावटखोरी का धंधा उजागर हो गया। अब उसके शरणदाताओं को तलाशा जा रहा है। इस संबंध में इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय ने बताया कि यशपाल को जेल भेज दिया है। उसके मददगारों को चिह्नित किया जा रहा है।