अधिक डीएपी खरीदने वालों पर नजर रखेगा प्रशासन
जिले में धान की फसल में यूरिया लगाने को किसानों को इसके लिए जूझना पड़ा। इससे जिला प्रशासन को काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी। सेंटरों पर पुलिस की मौजूदगी में खाद का वितरण कराना पड़ा। धान की कटाई हो चुकी है और गेहूं की बोआइ के लिए खेत तैयार किए जाने लगे हैं।
जेएनएन, बदायूं : जिले में धान की फसल में यूरिया लगाने को किसानों को इसके लिए जूझना पड़ा। इससे जिला प्रशासन को काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी। सेंटरों पर पुलिस की मौजूदगी में खाद का वितरण कराना पड़ा। धान की कटाई हो चुकी है और गेहूं की बोआइ के लिए खेत तैयार किए जाने लगे हैं। किसान इसके लिए अभी से डीएपी का इंतजाम करने लगे हैं। इससे बाद में उन्हें परेशानी नहीं हो। जिला प्रशासन अब डीएपी का भंडारण कराने में लगा है। प्रशासन का दावा है कि किसानों की मांग को देखते हुए भरपूर स्टाक उपलब्ध है।
सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के दावे करती है। लेकिन, हर सीजन में खाद के लिए मारामारी रहती है। खरीफ सीजन में यूरिया की किल्लत हुई। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की भीड़ उमड़ रही थी। जिला प्रशासन के इससे पसीने छूट गए। टोकन प्रणाली लागू कर पुलिस की निगरानी में खाद का वितरण कराया। धान के सीजन में हुई समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने कृषि विभाग के अफसरों को सख्त हिदायत दी है। किसानों को डीएपी और यूरिया की कमी नहीं होनी चाहिए। पिछली बार कुछ किसानों ने अधिक खाद खरीदकर ब्लैक किया था, इसलिए इस बार सर्वाधिक खरीद करने वाले टाप 20 किसानों पर नजर रखी जाएगी। अगर उनके स्तर से खाद ब्लैक हुई तो मुकदमा दर्ज करा कार्रवाई की जाएगी। जिले में यूरिया की उपलब्धता 849 फीसद जबकि डीएपी की उपलब्धता 2700 फीसद है।
जिले में खाद की उपलब्धता
उर्वरक लक्ष्य उपलब्धता
यूरिया 1,811 एमटी 15,389 एमटी
डीएपी 1,060 एमटी 28,221 एमटी
एनपीके 394 एमटी 433 एमटी
एमओपी 197 एमटी 5,204 एमटी
एसएसपी 664 एमटी 3,540 एमटी वर्जन ::
खरीफ सीजन में कोविड-19 की वजह से उर्वरक के वाहनों के समय से पहुंचने में दिक्कत हुई थी। ट्रेन से खाद की रैक आने के बाद स्थिति सामान्य हो गई थी। रबी की फसल के लिए लक्ष्य से बहुत अधिक यूरिया और डीएपी का भंडारण है। किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने पाएगी।
- विनोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी