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कूड़ेदान घोटाले में फंसे 96 सचिव व प्रधान

कूड़ेदान घोटाले में सच सामने आने लगा है। डीएम की ओर से सभी को नोटिस जारी किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 05:41 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 05:41 PM (IST)
कूड़ेदान घोटाले में फंसे 96 सचिव व प्रधान
कूड़ेदान घोटाले में फंसे 96 सचिव व प्रधान

प्रशासन हुआ सख्त

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- डीएम की ओर से सभी को जारी किया गया नोटिस

- साक्ष्यों के साथ संतोषजनक जवाब न देने पर हो सकती है कार्रवाई

इन्फो के लिए

- 154 पंचायतों में खरीदे गए थे कूड़ेदान

- 700 रुपये एक कूड़ेदान की कीमत थी

- 7000 रुपये एक कूड़ेदान की खरीद दिखाई गई थी जागरण संवाददाता, बदायूं : कूड़ेदान की खरीद में हुए घोटाले की जांच में सच सामने आने लगा है। 96 ग्राम पंचायतों में गड़बड़झाला सामने आ चुका है। वहीं, इन पंचायतों में जैम पोर्टल से खरीद अनिवार्य कर दी गई है। इसके बावजूद इसमें पालन नहीं हो रहा है। इसमें जिले के 96 ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिव जिला प्रशासन की रडार पर हैं। जांच में इन ग्राम पंचायतों में खामियां निकली हैं। इन सचिवों और प्रधानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। साक्ष्यों के साथ संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इससे घपला करने वाले प्रधानों और सचिवों में खलबली मची है।

स्वच्छता अभियान के तहत गांव-गांव सफाई अभियान शुरू हुआ तो गांव-गांव कूड़ेदान खरीदकर रखवाने का फरमान जारी हुआ। बिसौली, अंबियापुर, सालारपुर, सहसवान, म्याऊं और कादरचौक

ब्लॉक क्षेत्र के 154 ग्राम पंचायतों में कूड़ेदान खरीदकर रखवाए गए थे। इसमें खेल यह हुआ कि 700 रुपये के कूड़ेदान लगवा दिए, जबकि भुगतान सात हजार रुपये के हिसाब से किया गया। इस खेल का खुलासा तब हुआ, जब फाइबर डस्टबिन की कंपनी को नोटिस भेजकर प्रशासन ने जवाब मांगा तो कंपनी ने कह दिया गया कि उसकी कंपनी के कूड़ेदान ही नहीं है, जबकि कूड़ेदान पर उसी कंपनी का लेबल लगा दिया गया था। डीएम ने कमेटी गठित कर जांच कराई तो 96 गांवों में गड़बड़ी मिली है। अब इन गांवों के प्रधानों और सचिवों को नोटिस भेजा जा रहा है। कूड़ेदान घोटाले में कई सचिवों और प्रधानों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। वर्जन ::

कूड़ेदान की खरीद में हुई गड़बड़ी की जांच कराई गई है। कहीं बाजार की कीमत से अधिक पर खरीद की गई है तो कहीं जैम पोर्टल से खरीद करने की अनिवार्यता का पालन नहीं किया गया है। सचिवों को डीपीआरओ के माध्यम से नोटिस भेजा जा चुका है। जिलाधिकारी की ओर से 96 प्रधानों को नोटिस जारी किया है। उनके संतोषजनक जवाब न मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

- निशा अनंत, मुख्य विकास अधिकारी

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