तीस लाख रुपये में 7.63 लाख पौधे रोपेगा वन विभाग
बदायूं : हर वर्ष की तरह इस बार भी शासन की ओर से वन विभाग को पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया ह
बदायूं : हर वर्ष की तरह इस बार भी शासन की ओर से वन विभाग को पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया है। कई अन्य सरकारी विभागों के माध्यम से भी पौधरोपण किया जाएगा। देखरेख न हुई तो यह भी पिछले सत्र में रोपे गए पौधों की तरह ही सूख जाएंगे। या फिर कोई पशु उसे नष्ट कर देगा। पौधरोपण की संख्या में भी कागजी खेल हो सकता है। वन विभाग हर वर्ष जितने पौधे रोपने का दावा करता है, उतनों की ही अगर देखरेख हो जाए तो हर तरफ हरियाली नजर आएगी। इसके अलावा जिलाधिकारी ने भी लोगों से पौधे रोपने का आह्वान कर रहे हैं। साथ ही उचित स्थान देखकर ही पौधरोपण करने व उसकी देखरेख भी करने को कहा है। लोगों को भी अपना व अपने परिवार की ¨चता करने की जरूरत समझकर ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करने की आवश्यकता है। वन विभाग पहली बार लक्ष्य से ज्यादा पौधे रोपने की तैयारी में लगा है। विभाग को 530 हेक्टेयर में 724500 पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि विभाग 458.77 हेक्टेयर में 763282 पौधे रोपेगा। आज बस जरूरत है धरती की हरितिमा बनाए रखने की।
शासन के निर्देश के बाद वन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 529.50 हेक्टेयर में छह लाख 37 हजार पौधे रोपे थे और विश्व रिकार्ड होने की बात कही गई थी।एक करोड़ रुपये से लक्ष्य पूरा किया गया था। अगले सत्र 2017-18 में 269.20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 372775 पौधे रोपने का लक्ष्य पूरा किया गया। नरेगा से काम हुआ। शासन ने इसके लिए 70 लाख रुपये का बजट दिया था। इन विभागीय आंकड़ों को देखकर लगता है कि जैसे हर तरफ हरियाली ही नजर आएगी, लेकिन ऐसा है नहीं। ज्यादातर पौधे नष्ट हो चुके हैं। लोगों के लगाए गए पौधे भी पशुओं का चारा बन जाते हैं।
जागरूक लोगों से बात : फोटो 11 बीडीएन 74
समय पर मौसम न आने का सबसे बड़ा कारण पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है। पेड़ काटते समय पर्यावरण को लेकर जरा भी ध्यान नहीं दिया जाता है। अभी न चेते तो परिणाम घातक होंगे।
- डॉ. रितु रानी फोटो 11 बीडीएन 75
पौधे रोपने के साथ उसकी देखरेख भी बेहद जरूरी है। पशुओं की पहुंच से दूर रखने के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए। सभी लोग कम से कम एक पौधा ही रोपें तो पर्यावरण स्वच्छ बन जाएगा।
- डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी फोटो 11 बीडीएन 76
सरकारी विभागों की ओर से बागवानी करने पर अनुदान दिया जाता है। लोगों को समझना चाहिए कि सरकार उन्हें लाभ देना चाहती है तो उसका लाभ लें, जिससे फायदे के साथ पर्यावरण भी स्वच्छ बनेगा।
- डॉ. उमा ¨सह गौर फोटो 11 बीडीएन 77
कॉलेज में समय-समय पर पौधरोपण किया जाता है। उनकी देखरेख भी की जाती है। छात्राओं को जागरूक करने का क्रम जारी है। कई छात्राओं ने पौधे रोपने का संकल्प लिया है। बदलाव नजर आएगा।
- अल्पना कुमार फोटो 11 बीडीएन 78
स्कूली समय से ही बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी जाए तो कुछ ही वर्षों में स्थिति सुखद हो जाएगी। पर्यावरण की ¨चता न की तो आगामी वर्षों में गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।
- अनीता ¨सह फोटो 11 बीडीएन 79
समय के बदलाव को समझने की जरूरत है। आज के समय जरूरी है कि हर व्यक्ति कम से कम एक पौधा जरूर रोपे। वर्ना मौसम को लेकर हमेशा ही ऐसे परेशान रहना पड़ेगा।
- वीना कोचर