69 हजार किताबों को सत्यापन का इंतजार
69 हजार किताबें सत्यापन का इंतजार कर रही हैं।
बदायूं : बेसिक शिक्षा विभाग को किताबें प्राप्त होने के बाद भी परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राएं पुरानी किताबों से पढ़ने को मजबूर हैं। विभाग के गोदाम में रखी गईं 69 हजार 833 किताबों का वितरण नहीं हो पा रहा है। संबंधित फर्म के किताबों का नमूना उपलब्ध न कराने से समस्या आ रही है।
परिषदीय विद्यालयों का नया सत्र शुरू होने के पहले ही दिन बहुत से छात्र-छात्राओं को एक लाख 20 हजार किताबें मुहैया कराए जाने के बाद विभागीय तेजी का अहसास होने लगा था, लगा कि सप्ताह या दस दिन में पर्याप्त किताबें मिल जाएंगी। इस बार बच्चों को पुरानी किताबें मांगकर नहीं पढ़ना पढ़ेगा। किताबें आनी शुरू हुईं तो विभाग की ओर से काफी दिनों तक सत्यापन नहीं कराया गया। एक और ट्रक किताबें मिलीं तो सत्यापन कराकर अब तक तकरीबन आठ लाख किताबों को बच्चों तक पहुंचाया गया है, लेकिन अब गोदाम में रखीं किताबें नमूने के इंतजार में सत्यापन का इंतजार कर रही हैं। चार विषयों के नमूने झांसी, मथुरा, आगरा से आने हैं। इंसेट..
किताबें होती हैं सबसे अच्छी दोस्त फोटो 08 बीडीएन 04 विकास क्षेत्र दातागंज के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पुरैनी में बच्चों को किताबों का वितरण किया गया। प्रधानाध्यापक राशिद ़कादरी ने कहा कि किताबें हमें ज्ञान का अर्जन करती हैं। वह हर प्रकार से लाभकारी होती हैं। किताबें में हमें अच्छी और नई बातों की जानकारी मिलती है। किताबें सबसे अच्छी दोस्त होती है। आदित्य सक्सेना ने कहा कि किताबें चरित्र निर्माण का सबसे अच्छा साधन होती हैं। नेहा सिंह, पूजा पाल व धर्मेंद्र कुमार को सम्मानित किया गया। पूजा राजपूत, प्रेमलता, पवन कुमार, विक्की, जीनत आदि उपस्थित रहे।
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